VIDEO: मूसलधार बारिश के बाद दून अस्पताल में घुसा पानी, भारी गुजरी कोरोना मरीजों की रात
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीती रात कोरोना मरीजों पर भारी गुजरी। मूसलधार बारिश के दौरान अस्पताल में नगर निगम के चोक नाले का सारा पानी अंदर घुस गया।
देहरादून, जेएनएन। कोविड हॉस्पिटल बनाए गए दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीती रात कोरोना मरीजों पर भारी गुजरी। मूसलधार बारिश के दौरान अस्पताल में नगर निगम के चोक नाले का सारा पानी अंदर घुस गया। वहीं, निर्माणाधीन ओवरब्रिज की तरफ से भी सारा पानी अंदर भर गया। इस कारण अस्पताल की इमरजेंसी से लेकर आगे के वार्डों में तीन से चार फीट पानी जमा हो गया। हालात देख वहां भर्ती कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मरीजों में हड़कंप मच गया।
राजधानी देहरादून में शनिवार को बारिश आफत बनकर बरसी। दून अस्पताल में भी पानी भर गया। देर रात डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री समेत अन्य अधिकारियों को इस बारे में पता चला, तो वे मौके पर पहुंचे और सबसे पहले कोरोना मरीजों को ऊपर के वार्डों में शिफ्ट किया गया। डॉ. खत्री ने बताया कि रविवार सुबह जाकर अस्पताल में हालात सामान्य हो पाए हैं।
बीती रात हुई मूसलाधार बारिश के दौरान दून मेडिकल कालेज अस्पताल में नगर निगम की ओर से चोक नाले का सारा पानी अंदर घुस गया। #UttarakhandWeatherUpdate, #DehradunWeatherUpdate, #Rain, #DoonHospital pic.twitter.com/M5haz0TdMK— sunil singh negi (@negi0010) August 16, 2020
उन्होंने बताया कि अस्पताल के ड्रेनेज सिस्टम में कोई कमी नहीं है। आज तक अस्पताल में इस तरह से जलभराव की दिक्कत कभी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि सड़क पर मजार की तरह नगर निगम का नाला चोक होने के कारण सारा पानी मजार के नीचे से अस्पताल की इमरजेंसी के बाद वॉर्ड में घुस गया। इसके अलावा ओवरब्रिज की तरफ से भी पानी बहा। इस मामले में सुबह महापौर सुनील उनियाल गामा से बात हुई है। उन्होंने कहा है कि नाले की सफाई करा दी जाएगी। साथ ही ओवरब्रिज की तरफ से दीवार का निर्माण कराया जाएगा, जिससे पानी अंदर न आ सके।
विधायक पर फूटा लोगों का गुस्सा
गोविंदगढ़ की टीचर्स कॉलोनी में बारिश के बाद बने हालातों को लेकर लोगों में विधायक के प्रति आक्रोश है। विधायक हरबंस कपूर के मौके पर पहुंचने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने विधायक को घेर कर विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि वो विधायक को यहां से जाने नहीं देंगे। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियम भी तार-तार हुए।