Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मीटर रीडिंग दिए बिना ही बन जाएगा पानी का बिल, जानिए कैसे

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 13 Oct 2019 09:22 PM (IST)

    उत्तराखंड में पहली बार पानी के उपयोग के लिए एएमआर मीटर लगाए जा रहे हैं। इन मीटर की खूबी यह है कि इसकी एचएच यूनिट खुद ब खुद रीडिंग लेकर बिल बना देगी।

    मीटर रीडिंग दिए बिना ही बन जाएगा पानी का बिल, जानिए कैसे

    देहरादून, अंकुर शर्मा। उपभोक्ता के बिना मीटर रीडिंग दिए ही पानी का बिल बन जाएगा। पढ़कर चौंकिए मत, उत्तराखंड में पहली बार पानी के उपयोग के लिए एएमआर (ऑटोमैटिक मीटर रीडिंग) मीटर लगाए जा रहे हैं। इन मीटर की खूबी यह है कि यदि उपभोक्ता मीटर रीडिंग नहीं बताएगा, तब भी एचएच यूनिट (बिल बनाने की मशीन) खुद ब खुद रीडिंग लेकर बिल बना देगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधान सभा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना को शुरू किया जा रहा है। यहां सफल होने पर अन्य स्थानों पर प्रयोग किया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पेयजल निगम विश्व बैंक की मदद से नथुवावाला में 22.48 करोड़ की लागत से नई पेयजल योजना बना रहा है। इस योजना में नथुवावाला, गूजरोवाला, आदर्श विहार, सूर्या कॉलोनी के उपभोक्ताओं को 16 घंटे पानी की आपूर्ति की जाएगी। इन क्षेत्रों में पानी का दुरुपयोग नहीं हो इसलिए प्रदेश में पहली बार यहां पर एएमआर मीटर लगाए जाएंगे। इनकी खूबी यह है कि ये मीटर और हैंड हैंडलिंग यूनिट आपस में रेडियो फ्रीक्वेंसी अटैच्ड हैं। इसका फायदा ये होता है कि यदि उपभोक्ता घर में नहीं है, किसी अन्य वजह से जल कर्मी को मीटर रीडिंग नहीं दिख पा रही है। ऐसे में वह जैसे ही एचएच यूनिट में उपभोक्ता का आइडी नंबर दर्ज करेगा वैसे ही यूनिट में मीटर से खुदबखुद रीडिंग दर्ज हो जाएगी और बिल निकल जाएगा। 

    सीताराम (अधिशासी अभियंता, पेयजल निगम, विश्व बैंक शाखा) का कहना है कि प्रदेश में पहली बार एएमआर मीटर नथुवावाला में लगाए जा रहे हैं। इसमें एचएच यूनिट मीटर से खुद रीडिंग लेकर बिल निकाल देगा।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 20 फीसद खर्च पर किसानों को मिलेंगे सोलर पंप, पढ़िए पूरी खबर

    मीटर से छेड़छाड़ की तो आएगा मैसेज

    एएमआर विभाग के सर्वर से भी जुड़े रहेंगे। इसलिए इसमें टेंपरिंग या छेड़छाड़ करना भी मुश्किल होगा। अगर कोई उपभोक्ता मीटर में टेंपरिंग करता है, रीडिंग पीछे करने की कोशिश करता है तो इसका मैसेज तुरंत सर्वर पर पहुंच जाएगा। इससे जल कर्मियों को पता चल जाएगा कि कहां टेंपरिंग की गई है।

    यह भी पढ़ें: दून शहर में हाईटेंशन लाइनें दे रहीं शहर को टेंशन, Dehradun News