उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक बस संचालन को करना होगा इंतजार
प्रदेश में इलेक्टिक बस (ई-बस) संचालन को अभी और इंतजार करना होगा। केंद्र की ओर से इस योजना के पहले चरण में उत्तराखंड को जगह नहीं मिल पाई है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में इलेक्टिक बस (ई-बस) संचालन को अभी और इंतजार करना होगा। केंद्र की ओर से इस योजना के पहले चरण में उत्तराखंड को जगह नहीं मिल पाई है। अब दूसरे चरण में उत्तराखंड का नंबर आ सकता है, हालांकि इसमें अभी डेढ़ से दो वर्ष का समय लग सकता है।
केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना बनाई जा रही है। इसका मकसद देश को प्रदूषण मुक्त करने के साथ ही पर्यावरण को दुरुस्त करना भी है। उत्तराखंड में भी इसी कड़ी में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रस्तावित किया गया है। हाल ही में हुई आरटीए की बैठक में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को परमिट दिए जाने पर भी सहमति बनी है।
प्रदेश में अभी परिवहन निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के जरिए इन बसों को चलाया जाना प्रस्तावित था। परिवहन निगम की इस बसों को संचालन करने के संबंध में कई बैठक हुई थी। दरअसल, इन बसों के संचालन में केंद्र ने राज्य को साठ प्रतिशत का अनुदान देना है। शेष 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार को उठाना है।
शुरुआती विभागीय बैठकों में यह बात सामने आई कि इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाता है तो इसकी प्रति किमी किराया बहुत अधिक होगा। इसके लिए राज्य सरकार से अतिरिक्त सहायता लेने पर भी मंथन किया गया। इस बीच यह बात सामने आई है कि उत्तराखंड को इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए पहले चरण की योजना में शामिल नहीं किया गया है।
दूसरे चरण में उत्तराखंड का नंबर आ सकता है। तब तक बस के साथ ही इसके संचालन करने की कीमतें नीचे आ सकती हैं। फिलहाल अब नजरें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाली बसों पर लगी हैं। हालांकि, इनमें भी अभी खासा वक्त लग सकता है।
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