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मैथमेटिकल मॉडल के प्रयोग से कई तकनीकों का अविष्कार

मैथेमेटिकल मॉडल और कंप्यूटर के प्रयोग से कर्इ तकनीकों का आविष्कार किया जा रहा है। ये कहना है प्रो. राजू के जॉर्ज का।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 23 Feb 2018 02:38 PM (IST)Updated: Tue, 06 Mar 2018 10:47 AM (IST)
मैथमेटिकल मॉडल के प्रयोग से कई तकनीकों का अविष्कार
मैथमेटिकल मॉडल के प्रयोग से कई तकनीकों का अविष्कार

देहरादून, [जेएनएन]: जीवन के हर पहलू में चाहे वह टेलीफोन हो, धन का प्रबंधन हो, या मौसम की रिपोर्ट की जांच करना। हर क्षेत्र में गणित का अहम योगदान है। यह कहना है इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के डिपार्टमेंट ऑफ मैथेमैटिक्स के प्रो. राजू के जॉर्ज का। 

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ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में गणित पर आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कहा कि मैथेमेटिकल मॉडल और कम्प्यूटर के प्रयोग से कई नई तकनीकों का अविष्कार किया जा रहा है। प्रो. जार्ज ने नॉन लिनियर एनालिसिस की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि चिकित्सा, इंजीनियरिंग, वाहनों के डिजाइन, भूगर्भ शास्त्र और भौतिक विज्ञान के क्षेत्रों में फिक्स्ड प्वाइंट थ्योरी जैसे गणित के कई ऐसे सिद्धांतों का महत्व है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, बंगलूरू की प्रो. मैथली रामास्वामी ने प्रतिभागियों को बताया कि संचार प्रणाली और विमानों व रॉकेट उड़ाने में पारशियल डिफरेन्शियल इक्वेशन का ही उपयोग किया जाता है।

आइआइटी गांधीनगर के डिपार्टमेंट आफ मैथेमैटिक्स के डॉ. जगमोहन त्यागी ने सोबोलिव स्पेस के सिद्धांत से छात्रों को अवगत कराया। कार्यशाला में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के गणित विभाग के डॉ. मांगेराम, डॉ. मोहम्मद तामसीर, डॉ. सत्यजीत सिंह, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. ऋतु चांदना आदि मौजूद रहे। 

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