आपदा प्रबंधन दल ने देखी चौराबाड़ी ग्लेशियर पर बनी झील, अब वाडिया का इंतजार; जानिए
चौराबाड़ी ग्लेशियर पर बनी नई झील का जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन की टीम ने निरीक्षण किया है।
By Edited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 03:55 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। केदारनाथ मंदिर से करीब साढ़े चार किलोमीटर ऊपर चौराबाड़ी ग्लेशियर पर बनी नई झील को लेकर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। झील के प्रकाश में आने के बाद प्रशासन ने न सिर्फ वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों को ग्लेशियर झील का निरीक्षण करने का आग्रह किया, बल्कि इसमें हो रहे विलंब हो देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन की टीम ने झील का निरीक्षण भी कर लिया।
साल 2013 में जिस चौराबाड़ी झील के फटने से केदारनाथ आपदा ने विकराल रूप धारण कर लिया था, यह नई झील उससे भी करीब ढाई किलोमीटर ऊपर बनी है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि आपदा प्रबंधन की टीम से प्राप्त जानकारी के अनुसार झील में इस समय काफी कम पानी है। हालांकि, मानसून के दौरान इसके मिजाज में क्या बदलाव आ सकता है, यह कह पाना अभी मुश्किल है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब वाडिया संस्थान के वैज्ञानिकों का इंतजार है। उनके पास ग्लेशियर और ग्लेशियर झीलों की विशेषज्ञता है। ऐसे में झील को लेकर उनके आकलन पर निर्भर करेगा कि आगे किस तरह की कार्रवाई की जानी है। फिलहाल झील को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में है और वैज्ञानिकों के निरीक्षण का इंतजार है। उधर, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के हिमनद विशेषज्ञ डॉ. डीपी डोभाल ने बताया कि झील के निरीक्षण के लिए देहरादून से कूच करने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। मौसम के अनुकूल निर्णय लिया जाएगा कि कब केदारनाथ के लिए प्रस्थान करना उपयुक्त रहेगा।
टूट चुकी झील का भी निरीक्षण
जिलाधिकारी घिल्डियाल ने बताया कि आपदा प्रबंधन के दल ने पुरानी झील का भी निरीक्षण किया। इसकी स्थिति अब आपदा के बाद जैसी ही है और इसमें पानी जमा होने की स्थिति दूर-दूर तक भी नहीं दिख रही।
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