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    देहरादून में उस्ताद अमजद अली की तान से होगा Virasat Mahotsav का आगाज, 15 दिन तक रहेगी कला और विरासत की धूम

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 07:12 PM (IST)

    देहरादून में आज से विरासत कला और संस्कृति महोत्सव शुरू हो रहा है। यह महोत्सव हिरोशिमा परमाणु हमले के मृतकों को समर्पित है। इस महोत्सव में भारत के साथ श्रीलंका और बेलारूस जैसे देशों की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया जाएगा। दर्शकों को शास्त्रीय संगीत लोक नृत्य कला और शिल्प की अनूठी झलक मिलेगी। महोत्सव में कई दिग्गज कलाकार और विचारक भाग लेंगे जिससे यह आयोजन और भी खास बनेगा।

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    पत्रकारों से वार्ता करते रिच संस्था के संस्थापक आरके सिंह. Jagran

    जागरण संवाददाता, देहरादून। राजधानी दून आज से अगले 18 अक्टूबर तक कला, संस्कृति और विरासत की रंगीन छटा से जगमगाएगा। रीच (रीजनल एवोल्यूशनरी आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज) की ओर से आयोजित विरासत आर्ट एंड हेरिटेज महोत्सव-2025 की शुरुआत विश्व प्रसिद्ध सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान के सुरों के साथ होगी।

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    उत्तराखंड की विरासत दर्शाने वाले इस महोत्सव को इस बार हिरोशिमा परमाणु हमले के मृतकों को समर्पित किया गया है। साथ ही श्रीलंका, बेलारूस आदि देशों की विरासत की झलक भी महोत्सव में देखने को मिलेगी।

    शुक्रवार को रीच संस्था के महासचिव आरके सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि विरासत सिर्फ कला का उत्सव नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति के मानवीय पहलुओं के प्रति जागरूकता का एक प्रयास है। महोत्सव का 30वां संस्करण डा. बीआर आंबेडकर स्टेडियम ओएनजीसी कौलागढ़ रोड में आयोजित होगा। 15 दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में भारत के साथ ही श्रीलंका, किर्गिस्तान और बेलारूस जैसे देशों की लोक और शास्त्रीय प्रस्तुतियां होंगी।

    उप्रेती बहनों का छोलिया नृत्य, उत्तराखंड का लोकनाट्य चक्रव्यूह, गुजरात और गोवा के लोक नृत्य, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी और कथक जैसी प्रस्तुतियां दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी। प्रेस कान्फ्रेंस में संयुक्त सचिव विजयश्री जोशी, शिल्प निदेशक सुनील वर्मा और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

    संगीत जगत के सितारे एक मंच पर

    महोत्सव में डा. एन राजम, पंडित साजन मिश्रा, परवीन सुल्ताना, उषा उथुप, मनोज तिवारी, उस्मान मीर, मंजरी चतुर्वेदी और अदनान खान जैसे दिग्गज कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से शाम को अविस्मरणीय बनाएंगे। गज़ल, सूफ़ी, हिंदुस्तानी और कर्नाटक शास्त्रीय संगीत की जुगलबंदी महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगी।

    इस बार महोत्सव का मंच जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित कर्कोटा वंश के राजा ललितादित्य मुक्तापीड़ की ओर से निर्मित सूर्य मंदिर की वास्तुकला पर आधारित बनाया गया है, जो कार्यक्रम की भव्यता को और बढ़ाएगा।

    कला, शिल्प और विविध आयोजन से बंधेगा समा

    महोत्सव में हथकरघा, मिट्टी, लकड़ी और धातु शिल्प की प्रदर्शनी लगेगी। साथ ही विंटेज कार और बाइक रैली, हेरिटेज क्विज, फोटोग्राफी प्रतियोगिता और शिल्प कार्यशालाएं भी होंगी। देहरादून के युवाओं को हेरिटेज शोकेस में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।

    दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। शायरी के सितारे शीन काफ निज़ाम, फरहत एहसास, शकील आज़मी और रश्मि सबा शाम को मुशायरे से रंग जताएंगे। वहीं इतिहासकार सोहेल हासमी, फिल्मकार अनुभव सिन्हा और कलाकार जतिन दास जैसे दिग्गज विचार साझा करेंगे।