देहरादून में दो साल बाद फिर बिखरेंगे सांस्कृति के रंग, शुरू हुआ विरासत - आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022
कोरोना महामारी के कारण विरासत का आयोजन दो साल बाद हो रहा है। देहरादून में आज से विरासत-आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल-2022 की शुरुआत हुई। 15 से 29 अप्रैल तक लगने वाले इस मेले का आयोजन डा. बीआर आंबेडकर स्टेडियम कौलागढ़ में हो रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: रीच संस्था के तत्वावधान में विरासत आर्ट एवं हेरिटेज महोत्सव का शुक्रवार को आगाज हुआ। महोत्सव का पहला दिन रीच के संस्थापक सदस्य स्व. संजीव कुमार सिंह (आइपीएस) और कार्यकारी सदस्य स्व. राजश्री जोशी को समर्पित किया गया। इस दौरान विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
डा. भीमराव आंबेडकर स्टेडियम में आयोजित 22वें विरासत महोत्सव का बतौर मुख्य अतिथि ओएनजीसी की प्रबंध निदेशक डा. अलका मित्तल और विशिष्ठ अतिथि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने दीप जलाकर उद्घाटन किया। रीच के महासचिव आरके सिंह ने डा. अलका मित्तल को विरासत सम्मान से नवाजा।
डा. अलका मित्तल ने कहा कि विरासत और ओएनजीसी के बीच अच्छे रिश्ते रहे हैैं। हर वर्ष जब भी विरासत का समय नजदीक आता था तो मन में उत्साह रहता है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा विरासत आज एशिया के हेरिटेज महोत्सव में अपनी अलग पहचान बना चुका है। विरासत मेला आमजन के लिए छोटी-छोटी बातों में बड़ी खुशियां तलाशने में मददगार साबित होने लगा है।
रीच संस्था के महासचिव आरके सिंह ने कहा कि संस्था 1995 से महोत्सव का आयोजन करती आ रही है। भारत की कला, संस्कृति को आमजन तक पहुंचाना और विलुप्त होती संस्कृति एवं कला को पुनर्जीवित करना उनका मुख्य उद्देश्य है।
विरासत हमारे गांव की परंपरा, संगीत, नृत्य, शिल्प, पेंटिंग, मूर्तिकला, रंगमंच, कहानी सुनाना, पारंपरिक व्यंजन आदि को सहेजने एवं आधुनिक जमाने के चलन में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा है।
वहीं, 15 से 29 अप्रैल तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में पद्मभूषण परवीन सुल्ताना, गजल गायक तलत अजीज, वडाली ब्रदर्स, लांगा मांगनियार, ख्याति प्राप्त कत्थक और बांसुरी वादक प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा फोटोग्राफी प्रतियोगिता, आर्ट एंड क्राफ्ट वर्क शाप भी आयोजित की जाएगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रही धूम
विरासत के पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। संगीता शर्मा के नेतृत्व में उत्तराखंड का लोकप्रिय छोलिया नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। अन्वेषना डांस थिएटर ग्रुप ने ओडिसी, मोहिनीअट्टम, कुचीपुड़ी, भरतनाट्यम, कलारी पयट्टू एवं भारतीय सांस्कृतिक धरोहर एवं अन्य नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मत्रमुग्ध किया।
विभिन्न प्रांतों के लगे स्टाल
विभिन्न प्रांतों की स्वयं सहायता समूह एवं संस्थाओं ने विरासत में अपनी स्टाल लगाई। इनमें हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पाद, अफगानी ड्राई फ्रूट, पारंपरिक क्रोकरी, भारतीय वुडन क्राफ्ट एवं नागालैंड के बंबू क्राफ्ट की आमजन ने खूब खरीदारी की।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।