सावधान! इस मानसून सीजन में फैल रहा वायरल फीवर का नया रूप, इस तरह से रखें अपना ध्यान
बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है जिसमें बुखार गले में खराश खांसी और सिरदर्द जैसे लक्षण शामिल हैं। चिकित्सकों के अनुसार इस बार वायरल फीवर का नया रूप देखने को मिल रहा है जिसमें बुखार 14-15 दिन तक रह रहा है। बचाव के लिए कोरोना काल के नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। वायरल फीवर एक आम स्वास्थ्य समस्या है। मौसम में होने वाले बदलाव के कारण इसका जोखिम बढ़ जाता रहा है। इन दिनों कभी बारिश-कभी धूप जैसे बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
बुखार, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द व थकान जैसे लक्षण आम हैं। क्या बच्चे और क्या बुजुर्ग, कोई भी इससे अछूता नहीं है। बड़ी समस्या यह है कि इस बार वायरल फीवर का नया रूप देखने को मिल रहा है। इस बार यह बुखार तीन-चार दिन में ठीक होने के बजाय 14 से 15 दिन रह रहा है।
लक्षण इस बार बेहद गंभीर
दून मेडिकल कालेज अस्पताल के बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. अशोक कुमार के अनुसार, यह वायरल फीवर ही है, लेकिन इसके लक्षण इस बार बेहद गंभीर हैं। जैसे यह बुखार लंबा चल रहा है, लोगों को कमजोर कर दे रहा है। खासकर बच्चों को इसने पस्त कर दिया है।
उन्होंने बताया कि बाल रोग की ओपीडी में हर दिन करीब 150-160 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिनमें 80 प्रतिशत वायरल फीवर से पीड़ित हैं। इनमें भी 20-25 प्रतिशत बच्चे गंभीर अवस्था में पहुंच रहे हैं। जिन्हें भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है।
मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अंकुर पांडेय ने बताया कि यह जरूरी है कि इस बुखार के लक्षण को समझें। शुरुआती लक्षण है तेज बुखार के साथ ही सिर में दर्द, जोड़ों में दर्द, दस्त, उल्टी, जुखाम, खांसी और पूरे शरीर में दर्द। तापमान 104 से 105 डिग्री फारेनहाइट तक जा रहा है।
ऐसे में इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। उन्होंने बताया कि वायरल के कई मरीज 14 दिन तक भी पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाए हैं। जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, वे मौसम में बदलाव के दौरान संक्रमण और बुखार के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।
इस तरह करें बचाव
जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डा. प्रवीण पंवार ने बताया कि इस बुखार में उन नियमों को दोबारा अपना लें जो कोरोन काल के वक्त अपनाते थे। जैसे अगर आपके आसपास किसी को सर्दी जुकाम खांसी बुखार है तो उससे थोड़ी दूरी बना लें। भीड़भाड़ में जाने से पहले मास्क जरूर लगा लें। हाथों की सफाई करते रहें। उनका कहना है कि मौसम में नमी के कारण परिस्थितियां वायरस व बैक्टीरिया के प्रसार के लिए अनुकूल हैं। बारिश के मौसम में प्रतिरक्षा प्रणाली भी थोड़ी कमजोर हो जाती है। ऐसे में बचाव रखें। बच्चे नाजुक होते हैं, इसलिए वह जल्दी इसकी चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखें।
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