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मुआवजे के नाम पर ग्रामीणों के साथ मजाक, दी इतनी कम धनराशि

जोशीमठ के चांई के ग्रामीणों के साथ मुआवजे के नाम पर मजाक किया गया है। उन्हें मआवजे की इतनी कम राशि दी गर्इ कि उन्होंने चेक लेने से इंकार कर दिया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 04:11 PM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 04:11 PM (IST)
मुआवजे के नाम पर ग्रामीणों के साथ मजाक, दी इतनी कम धनराशि
मुआवजे के नाम पर ग्रामीणों के साथ मजाक, दी इतनी कम धनराशि

देहरादून, [जेएनएन]: जोशीमठ में आपदा प्रभावित बेघर हैं, पर मुआवजे के नाम पर आपदा प्रभावितों से शासन प्रशासन मजाक कर रहा है। आपदा प्रभावितों ने प्रशासन के 500 तक के चेकों को लेने से इन्कार किया है। लोगों का कहना है कि उनकी कृषि भूमि, गोशाला सहित घरों को नुकसान पहुंचा है और प्रशासन मुआवजा के नाम पर ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत चरितार्थ कर रहा है। यह आपदा प्रभावितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। 

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इसी साल सात जुलाई को चमोली जिले के चांई गांव में आपदा से व्यापक नुकसान हुआ था। बारिश से गांव के 94 परिवारों की 1.87 हेक्टेयर काश्तकारी जमीन को नुकसान पहुंचा था। अब प्रशासन इस गांव के आपदा प्रभावितों को मुआवजा वितरित कर रहा है। चांई गांव के 94 आपदा प्रभावित परिवारों के मुआवजे के लिए कुल 70,125 रुपये के चेक बनाए हैं। परंतु मुआवजे की राशि इतनी कम है कि इसे लेने से आपदा प्रभावित इन्कार कर रहे हैं। चांई गांव के आपदा प्रभावित ग्राम प्रधान रघुवीर सिंह को पांच नाली काश्तकारी भूमि की क्षति के बदले 112.50 रुपये, बालक सिंह को आठ नाली के एवज में 262.50 रुपये, प्रेम लाल को सात नाली के एवज में 187.50 रुपये, संजू लाल को 150 रुपये, सुरेश लाल को 150 रुपये, कुंदन सिंह को 375 रुपये, ईश्वर सिंह को 375 रुपये, बिजेंद्र सिंह को 250 रुपये, बांके लाल को 112.50 रुपये के चेक प्रशासन की ओर से बनाए हैं। 500 से कम राशि के ऐसे चेक 25 प्रभावितों के बनाए हैं। मुआवजा राशि इतनी कम है कि इस राशि में ग्रामीणों के आने जाने तक का किराया नहीं निकल रहा है। ऐसे में अधिकतर प्रभावितों ने मुआवजा राशि के चेक लेने से इंकार कर दिया है। 

ये हैं मानक 

आपदा में भूमि के नुकसान के मुआवजे के मानक भी अजीबोगरीब हैं। सरकार द्वारा क्षतिग्रस्त काश्तकारी भूमि के नुकसान पर एक हेक्टेयर पर 37500 रुपये के मुआवजे का प्राविधान है। चमोली में काश्तकारों के पास नाममात्र की भूमि है। यह भूमि भी आपदा में तबाह होने के बाद अब प्रभावितों के सामने रोजी रोटी का संकट भी पैदा हो गया है। 

तहसीलदार चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि चांई गांव में जुलाई में आपदा आई थी। आपदा से गांव में काश्तकारी भूमि तबाह हुई थी। ऐसे प्रभावितों को सरकारी मानकानुसार मुआवजा राशि के चेक वितरित किए जा रहे हैं। 

आपदा राहत चेक पर मुख्यमंत्री ने तलब की रिपोर्ट 

जोशीमठ के चाईं गांव के लोगों को आपदा के मुआवजे के रूप में बेहद कम राशि के चेक वितरित करने के मामले का संज्ञान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी लिया है। उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को संपूर्ण विवरण सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। 

जोशीमठ के चाईं गांव में बीती सात जून को भारी बरसात हुई थी। इससे गांव में काफी नुकसान भी हुआ। प्रशासन की ओर से कराए गए सर्वे में गांव के 94 परिवारों की भूमि व भवन क्षतिग्रस्त पाए गए। इन लोगों को मुआवजे के लिए जोशीमठ बुलाया गया था। जब लोग राहत राशि लेने पहुंचे तो सौ व 200 रुपये के चेक देखकर चौंक गए। यह मामला मीडिया में सुर्खियां बना। सोमवार को यह मामला मुख्यमंत्री के सामने भी उठा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात मीडिया के जरिये उनके संज्ञान में आई है। मुआवजा राशि बेहद कम होने की बात उनकी समझ से परे है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से संपूर्ण विवरण सहित रिपोर्ट देने को कहा गया है। 

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