दो गांवों के बीच सड़क को लेकर छिड़ी वर्चस्व की जंग
चंपावत जिले के बडोली और मझेड़ा गांव में सड़क निर्माण को लेकर ठन गर्इ है। मझेड़ा के सैकड़ों ग्रामीणों ने इस बाबत मुद्दे को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा है।
चंपावत, [जेएनएन]: बडोली और मझेड़ा गांव के ग्रामीणों में सड़क को लेकर वर्चस्व की जंग छिड़ चुकी है। दोनों पक्ष अलग-अलग दिशा से सड़क ले जाने की मांग कर रहे हैं। जिसके लिए मझेड़ा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने डीएम से कार्रवार्इ की मांग की है। इससे तीन दिन पहले बडोली के ग्रामीणों ने सीडीओ को ज्ञापन सौंपा था। डीएम ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, मझेड़ा गांव के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करेते हुए जमकर नारेबाजी की। उन्होंने बताया कि धौंन-बडोली मोटर मार्ग 2002 से प्रस्तावित है। इस मार्ग का निर्माण धौन-मझेड़ा होते हुए बडोली तक होना है। पीएमजीएसवाई ने मार्ग का सर्वे धौंन से न कर स्वाला से कर दिया है। जिससे मझेड़ा के लोगों को सड़क से वंचित होना पड़ रहा है। इसे ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं।
मामले में एसडीएम से शिकायत की गई तो उन्होंने भी इसकी जांच की। जिसमें ग्रामीणों की मांगों को सही ठहराया गया। लेकिन पीएमजीएसवाई एसडीएम की रिपोर्ट को अनदेखा कर सड़क को स्वाला से काटने की तैयारी कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि मार्ग में उनकी काफी नाप भूमि जा रही है, जो गलत है। ग्रामीणों ने कहा कि जो सड़क स्वीकृत है मार्ग वहीं से बनेगा।
अन्यथा वह अपनी एक इंच भी जमीन नहीं देंगे और न ही सड़क बनने देंगे। उनका कहना है कि बडोली के ग्रामीणों ने मझेड़ा में सिर्फ दो परिवार दिखाए, जबकि 150 परिवार वहां रहते हैं। वहीं, बडोली के ग्रामीण भी स्वाला से ही रोड काटने की मांग पर अड़े हुए हैं। डीएम एसएन पांडे ने दोनों गांवों की समस्या को देखते हुए पीडब्लूडी ईई, एसडीएम, पीएमजीएसवाई और वन विभाग लोहाघाट एसडीओ की चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि किसी के साथ गलत नहीं होगा।
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