Move to Jagran APP

पौड़ी जिले में ग्रामीणों ने गांव की सड़क बनाकर लॉकडाउन को बना दिया यादगार

पौड़ी जनपद में यमकेश्वर प्रखंड के बूंगा गांव ने इस महामारी के बीच हुए 75 दिन के लॉकडाउन में अपनी मेहनत से अपनी सड़क पा ली।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 09:07 AM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 09:07 AM (IST)
पौड़ी जिले में ग्रामीणों ने गांव की सड़क बनाकर लॉकडाउन को बना दिया यादगार
पौड़ी जिले में ग्रामीणों ने गांव की सड़क बनाकर लॉकडाउन को बना दिया यादगार

ऋषिकेश, दुर्गा नौटियाल। वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में किसने क्या खोया और क्या पाया, इस पर भविष्य में चर्चा की जाएगी। मगर, पौड़ी जनपद में यमकेश्वर प्रखंड के बूंगा गांव ने इस महामारी के बीच हुए 75 दिन के लॉकडाउन में अपनी मेहनत से अपनी सड़क पा ली और पिछली पीढ़ियों ने जो दुश्वारियां झेली उनसे मुक्ति पा ली। ग्रामीणों ने अपने दम पर गांव को मोटर मार्ग से जोड़ दिया है। इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ रहा गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य, पूर्व सैनिक और पर्वतारोही सुदेश भट्ट का।

loksabha election banner

पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में बूंगा ग्रामसभा का बीरकाटल गांव मुख्य मार्ग से करीब साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी पर है। गांव तक पहुंचने के लिए नदी पर तीन बिजली के खंभों से बनी पुलिया और एक संकरी पगडंडी ही सहारा थी। कई पीढ़ियां इसी पगडंडी को नापकर मर-खप गयी। नेताओं के आश्वासन किसी काम न आए, सड़क तो दूर इस पगडंडी और कामचलाऊ पुलिया की तस्वीर भी नहीं बदल पायी।

आखिर कोरोना महामारी को रोकने के लिए देश में लागू किये गए लॉकडाउन में यहां के ग्रामीणों ने सरकार और शासन-प्रशासन का मुंह ताकने के बजाए खुद ही अपने भविष्य को संवारने का निर्णय लिया। दरअसल, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट ने ग्रामीणों को इसके लिए प्रेरित किया। लॉकडाउन में 17 अप्रैल को गांव के जोशीले युवाओं ने इस सड़क को बनाने का बीड़ा उठाया। युवाओं के इस उत्साह और हौसले को देखकर गांव के बड़े, बुजुर्ग और महिलाएं भी इस मुहिम में जुट गयी। आखिर मात्र 38 दिनों में गांव तक दुपहिया वाहनों के आवागमन के लिए सड़क तैयार कर दी। 

अब दूसरी चुनौती बिजली के खंभों से बनी पुलिया की तस्वीर बदलने की थी। सड़क की सफलता से लवरेज युवाओं ने स्वयं ही पुलिया निर्माण का भी फैसला लिया। बिना किसी सरकारी मदद के ग्रामीणों ने स्वयं ही चंदा एकत्र कर निर्माण सामग्री के लिए धन जुटाया। गांव के ही कुशल इंजीनियरों की मदद से पुल का नक्शा तैयार कर निर्माण शुरू किया गया। यहां भी 55 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद 55 फीट लंबे, 10 फीट चौड़े और 19 फीट ऊंचा पुल तैयार कर ग्रामीणों ने सफलता की इबारत लिख डाली।

दूसरे चरण में चौपहिया वाहन पहुंचाने का लक्ष्य 

बूंगा ग्राम सभा के ग्रामीणों ने वीरकाटल गांव में दुपहिया वाहनों के लिए सड़क पहुंचाकर और पुल तैयार कर एक नई कहानी गढ़ी है। इस सफलता से ग्रामीणों के हौसले बुलंद हैं। अब ग्रामीणों का लक्ष्य दूसरे चरण में गांव तक चौपहिया वाहनों के लिए सड़क तैयार करने का है। ग्रामीणों का कहना है कि अब विकास के लिए वह सरकार का मुंह नहीं ताकेंगे, बल्कि अपनी मेहनत से सरकार को आईना दिखाने का काम करेंगे।

सीधे मंडी तक पहुंचेगी फसल 

वीरकाटल गांव तक दुपहिया वाहन पहुंचने के बाद यहां न सिर्फ वीरकाटल गांव लाभान्‍वित हुआ है, बल्कि दूसरी ग्रामसभाओं की हजारों की आबादी को भी इससे लाभ पहुंचा है। बीरकाटल तथा यहां के आसपास के अन्य गांवों में आलू, प्याज, सब्जियों और अन्य फसलों की पहले अच्छी खेती होती है। मगर, मुख्य मार्ग पर पहुंच न होने के कारण स्थानीय उत्पादों को बाजार तक नहीं पहुंचाया जा सकता। अब वाहनों का आवागमन शुरू होने के बाद किसान अपनी फसलों को आसानी से बाजार तक पहुंचा पाएंगे।

लॉकडाउन के नियमों का किया पूरा पालन

क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट ने बताया कि मार्ग पर पुल के निर्माण के दौरान शारीरिक दूरी का भी पूरा पालन किया गया। काम करने वाले युवक अपने साथ घर से ही भोजन तैयार करने के लिए सामग्री लाते हैं और कार्यस्थल पर ही पूरी टीम के लिए एक साथ भोजन तैयार किया गया। अधिकांश काम भी समूह के बजाय अलग-अलग उचित दूरी बनाकर किया गया।

यह भी पढ़ें: International Youth Day 2020: इन दो युवाओं के आविष्कार ने किया कोरोना पर वार, समाज को दी नई दिशा

स्वाधीनता सेनानी चंदन सिंह बिष्ट को समर्पित किया मार्ग 

लॉकडाउन में तैयार किया गया वीरकाटल गांव को जोड़ने वाले मार्ग को ग्रामीणों ने यहां के स्वाधीनता संग्राम सेनानी स्व. चंदन सिंह बिष्ट को समर्पित किया है। इस मार्ग का पूरा नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. चंदन सिंह बिष्ट जनशक्ति मार्ग रखा गया है।

यह भी पढ़ें: swatantrata ke sarthi: हिम्मत से पक्षाघात को दी मात, अब बच्चों को सिखा रही हैं योग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.