Coronavirus: प्रवासियों को क्वारंटाइन करने को ग्राम प्रधानों ने की बजट की मांग
विभिन्न राज्यों से गांवों को लौट रहे प्रवासियों को क्वारंटाइन किए जाने को लेकर यमकेश्वर ग्राम प्रधान संगठन बजट की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में डीएम पौड़ी को पत्र प्रेषित किया।
ऋषिकेश, जेएनएन। विभिन्न राज्यों से गांवों को लौट रहे प्रवासियों को क्वारंटाइन किए जाने को लेकर यमकेश्वर ग्राम प्रधान संगठन बजट की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में डीएम पौड़ी को पत्र प्रेषित किया है।
ग्राम प्रधान संगठन विकासखंड यमकेश्वर की अध्यक्ष मीना बेलवाल व महासचिव बचन सिंह बिष्ट ने जिलाधिकारी पौड़ी को पत्र प्रेषित किया। उन्होंने बताया कि विकासखंड यमकेश्वर में देश के विभिन्न प्रदेशों से प्रतिदिन प्रवासी अपने गांव को लौट रहे हैं। प्रवासियों को संस्थागत क्वारंटाइन किए जाने की जरूरत है। क्योंकि ग्राम पंचायतों के पास या तो पंचायत भवन ही नहीं है, या पंचायत भवनों में शौचालय व अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। जिससे, प्रवासियों को यहां क्वारंटाइन किया जाना संभव नहीं है।
बताया कि ग्राम प्रधानों को प्रवासियों के आने की सूचना भी समय पर नहीं दी जा रही है। जिससे ग्राम प्रधान समय रहते प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन का प्रबंध नहीं कर पा रहे हैं। ग्राम प्रधान संगठन ने सुझाव दिया कि विकासखंड स्तर पर या तहसील स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जाए, जो समय-समय पर गांव का औचक निरीक्षण कर क्वारंटाइन किए गए लोगों को दिशा निर्देशित दें।
इसके अलावा उन्होंने ग्राम प्रधानों को कोविड-19 के बचाव हेतु पीपीई किट व अन्य सामग्रियां प्रदान करने, ग्राम प्रधानों को कोरोना वारियर्स घोषित कर बीमित करने तथा कोविड-19 महामारी को देखते हुए ग्राम पंचायतों के लिए उचित बजट की व्यवस्था करने की मांग की है। ग्राम प्रधान संगठन ने ग्राम सभाओं में बनाए जा रहे क्वारंटाइन स्थलों जैसे पंचायत भवन, बारात घर व स्कूलों में अस्थायी शौचालय की व्यवस्था कराने की मांग की है।
ग्राम प्रधानों को घोषित करें कोरोना वॉरियर्स
ग्राम प्रधान कोठार व प्रधान संगठन यमकेश्वर के उपाध्यक्ष नीरज पयाल ने जिलाधिकारी पौड़ी को पत्र प्रेषित कर ग्राम प्रधानों को कोरोना वारियर्स घोषित करने तथा ग्राम प्रधानों का बीमा कर क्वारंटाइन हेतु ग्राम सभाओं को धनराशि उपलब्ध कराने की मांग की है। बताया कि ग्राम सभा में बाहर से आए लोगों की व्यवस्था करने में ग्राम प्रधानों को अपने निजी स्तर से धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। उन्होंने ग्राम पंचायतों को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने की मांग की है।
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