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    उत्‍तराखंड: भू-अधिग्रहण पर ग्रामीण क्षेत्रों में दोगुना मुआवजा

    By gaurav kalaEdited By:
    Updated: Thu, 17 Nov 2016 07:00 AM (IST)

    अभी उत्‍तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के लिए बड़ी संख्‍या में भू-अधिग्रहण किया जाना बाकी है। ऐसे में सरकार की भू-अधिग्रहण कानून में रुचि ग्रामीणों के लिए अच्‍छी खबर है।

    देहरादून, [विकास गुसाईं]: उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में मुआवजे की राशि बाजार भाव से दोगुना करने का निर्णय लिया है। शहरी क्षेत्रों में मुआवजा बाजार राशि के अनुरूप ही मिलेगा।
    शासन की ओर से भूमि, अर्जन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार नियम के संशोधित स्वरूप में यह व्यवस्था की गई है। इसे अब विधानसभा सत्र में सदन में पेश किया जाएगा।
    प्रदेश में भू-अधिग्रहण के तहत मुआवजा राशि को लेकर खासा विवाद रहता आया है। अभी प्रदेश में सबसे अधिक भूमि अधिग्रहण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए किया जाना है। इस योजना के तहत बड़े पैमाने पर जमीन का अधिग्रहण होना है।

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    प्रदेश में भूमि अर्जन, पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम में कई त्रुटियां मानी जा रही थीं। इस कारण भू-अधिग्रहण को लेकर खासी दिक्कतें होने की आशंका जताई गई।

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    इसे देखते हुए सरकार ने इसमें संशोधन का निर्णय लिया। इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके तहत किसी भी लोकहित के कार्य के लिए भू-अधिग्रहण की जरूरत पडऩे पर जिलाधिकारी कार्यालय से इसकी अनुमति ली जाएगी। अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के लिए एक समिति गठित की जाएगी, जो बंजर या शुष्क भूमि का निर्धारण करेगी। समिति मौका मुआयना करने के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी।

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    इसके बाद इस पर आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी और उन पर सुनवाई होगी। इससे प्रभावित होने वालों की सूची तैयार करने के साथ ही इनके पुनर्वास की पूरी व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा इनके लिए स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन तथा इनके त्यौहार व संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

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    प्रभावित होने वाले अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के लिए भी इसमें अलग प्रावधान किया गया है। इसके तहत प्रत्येक कुटुंब को कृषि, बागवानी व पशु चारागाह के लिए 0.4 हेक्टेयर भूमि दी जाएगी।

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    प्रत्येक कुटुंब के लिए आवासीय इकाई, पेयजल सुविधा व शौचालय आदि की व्यवस्था की जाएगी। इन्हें एक लाख पचास हजार की अतिरिक्त वित्तीय सहायता एक बार दी जाएगी। मनरेगा अथवा अन्य किसी सरकारी योजना के अधीन भूमिहीन मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा।

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    विस्थापित परिवार के लिए प्रतिमाह जीवन निर्वाह भत्ते के लिए तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। पशुशाला अथवा छोटी दुकान के लिए 25 हजार रुपये और मछली पालन आदि के अधिकार दिए जाएंगे। यह संशोधन प्रस्ताव कैबिनेट से पारित हो चुका है और अब इसे विधानसभा पटल पर रखा जाएगा। इसके बाद यह विधिवत तौर पर लागू होगा।

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