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दून की विदुषी को कोलंबिया से मिलेगी स्कॉलरशिप

दून की विदुषी उपाध्याय को कोलंबिया सरकार की ओर से स्कॉलरशिप प्रदान की गई है। विदुषी को प्रतिमाह नकद धनराशि और कोलंबिया में स्पेनिश भाषा की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।

By Edited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 05 Jul 2018 05:11 PM (IST)
दून की विदुषी को कोलंबिया से मिलेगी स्कॉलरशिप
दून की विदुषी को कोलंबिया से मिलेगी स्कॉलरशिप

देहरादून, [जेएनएन]: दून की विदुषी उपाध्याय को कोलंबिया सरकार की ओर से स्कॉलरशिप प्रदान की गई है। इस स्कॉलरशिप के तहत विदुषी को प्रतिमाह नकद धनराशि और कोलंबिया में स्पेनिश भाषा की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। इसके तहत देशभर से चयनित छह छात्रों में विदुषी उत्तराखंड से एकलौती हैं। वहीं एशिया से 14 छात्रों का चयन हुआ है।

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दून के नेहरूग्राम की रहने वाली विदुषी उपाध्याय जवाहर लाल नेहरू विवि दिल्ली से स्पेनिश भाषा में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। 'एले फोकाले प्रोग्राम' के तहत विदुषी का चयन किया गया है। भारत में यह प्रोग्राम एले एशिया के नाम से जाना जाता है। प्रोग्राम के तहत कोलंबियाई सरकार की ओर से पूर्व एशिया-लैटिन अमेरिका सहयोग क्षेत्र में आने वाले देशों के 60 पर्यटक मार्गदर्शक एवं स्नातक कर रहे छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। प्रोग्राम के जरिये कोलंबिया की सरकार पूर्व एशियाई देशों के साथ आपसी समझ, राजनीतिक वार्तालाप और दोस्ताना संबंध को बढ़ावा देना चाहती है।

एले फोकाले स्कॉलरशिप की शुरुआत वर्ष 2012 में हुई थी। इस वर्ष कोलंबिया सरकार के नए नियमों के तहत विद्यार्थियों का चयन किया गया है। इन नियमों के तहत छात्रों को 17 हफ्ते का स्पेनिश कोर्स कोलंबिया की विख्यात विश्वविद्यालय में करने का अवसर मिलेगा। जिसमें उन्हें हर हफ्ते कम से कम 15 घटे कक्षा में रहना होगा। साथ ही कोलंबिया की संस्कृति को नजदीक से समझने के लिए उन्हें हर हफ्ते 10 घटे स्वयंसेवी का कार्य भी करना होगा।

कोर्स समाप्ति के बाद उन्हें स्पेनिश भाषा के लिए अंतरराष्ट्रीय मूल्याकन सेवा एसआइईएलइ की परीक्षा देने को मौका मिलेगा। जिसके बाद छात्रों को स्पेनिश भाषा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र दिया जाएगा। सिविल सर्विस में जाने की इच्छा विदुषी पीएचडी करने और सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहती हैं। विदुषी का कहना है कि इस सफलता में उनकी माता नर्मदा उपाध्याय व पिता संजय उपाध्याय का बड़ा योगदान है।

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