भारत-सेशेल्स वनकर्मियों के प्रशिक्षण में करेंगे सहयोग: डैनी फॉर
सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और सेशेल्स एक दूसरे का बेहतर सहयोग कर सकते हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और सेशेल्स एक दूसरे का बेहतर सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वन कार्मिकों को प्रशिक्षित करने के लिए भारत और सेशेल्स सहयोग बढ़ाएंगे।
दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन राष्ट्रपति फॉर देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी पहुंचे। अकादमी में उन्होंने 2017 बैच के भारतीय वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात की। करीब एक घंटे के संबोधन में राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों पर रोशनी डाली और कहा कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अक्षय ऊर्जा, विशेषकर सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने इंटरनेशनल सोलर अलायंस के गठन में भारतीय नेतृत्व की भूमिका की सराहना की।
पर्यावरण संरक्षण में सेशेल्स की भूमिका का उल्लेख करते हुए डैनी फॉर ने कहा कि उनके देश में नुकसान पहुंचाने वाले प्लास्टिक उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को लेकर उनकी सरकार संवेदनशील है। यही वजह है कि अब नए होटल के निर्माण पर भी अंकुश लगाया गया है। उन्होंने भारत में वन संसाधनों के प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि इससे वनावरण बेहतर हुआ है। बाद में सेशल्स के राष्ट्रपति ने भारतीय वन अनुसंधान के परिसर में बेल का पौधा रोपा।
इससे पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक गंगा सिंह ने राष्ट्रपति डैनी फॉर का स्वागत किया। इस दौरान उनके साथ सेशेल्स के विदेश मंत्रालय के सचिव बैरी फॉर व राष्ट्रपति मामलों की राज्य सचिव औदे लैबलीन भी मौजूद थीं। कार्यक्रम में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के सहायक प्राध्यापक उत्तम कुमार शर्मा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के संकाय सदस्य डॉ.एस सेंथिल कुमार भी उपस्थित थे।
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