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    Exclusive: वाइब्रेंट विलेज में चयनित हुए नेपाल सीमा से सटे 40 गांव, केंद्र सरकार की विकास योजना से होगा लाभ

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 09:48 AM (IST)

    उत्तराखंड के चंपावत पिथौरागढ़ और ऊधम सिंह नगर जिलों के 40 गांव वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम 2.0 में चयनित हुए हैं। ये गांव नेपाल सीमा से सटे हैं। इन गांवों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार कार्ययोजना तैयार कर रही है जिसमें आजीविका आवास सड़क और संचार जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा। पहले चरण में चीन सीमा से सटे 51 गांव शामिल थे।

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    उत्तराखंड के चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधम सिंह नगर जिलों के छह विकासखंडों के हैं ये गांव। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)

    केदार दत्त, जागरण, देहरादून। चीन के बाद अब नेपाल सीमा से सटे उत्तराखंड के गांव भी जीवंत होंगे। केंद्र सरकार ने चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधम सिंह नगर जिलों के छह विकासखंडों के 40 गांवों को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम 2.0 में चयनित किया है। अब इन गांवों को जीवंत बनाने के लिए 10 बिंदुओं पर कार्ययोजना का खाका खींचा जाएगा। शासन ने इस सिलसिले में संबंधित जिलों से प्रस्ताव मांगे हैं। उत्तराखंड की नेपाल से लगभग 275 किलोमीटर की सीमा लगती है।

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    अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों को सरसब्ज बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पूर्व में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरुआत की। इसमें चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़ व उत्तरकाशी जिलों के 51 गांव शामिल किए गए। इन गांवों के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार और उन्हें मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में वहां 186.16 करोड़ रुपये की लागत वाली 184 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। वर्तमान में 162 योजनाओं पर काम चल रहा है।

    इस बीच केंद्र ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम 2.0 घोषित किया, जिसमें अन्य देशों की सीमा से सटे गांव सम्मिलित किए गए हैं। इसी कड़ी में अब नेपाल सीमा से सटे लोहाघाट, चंपावत, कनालीछीना, मूनाकोट, धारचूला व खटीमा विकासखंडों के 40 गांवों को इस कार्यक्रम में चयनित किया गया है। इन गांवों के विकास के दृष्टिगत गाइडलाइन भी राज्य को मिल चुकी है। अब इसके अनुरूप कदम उठाए जा रहे हैं।

    अपर सचिव एवं राज्य में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की नोडल अधिकारी अनुराधा पाल के अनुसार जल्द ही चयनित गांवों के विकास के लिए केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इसके तहत इन गांवों में आजीविका विकास, आवास, आल वेदर रोड कनेक्टिविटी, संचार नेटवर्क, टेलीविजन कनेक्टिविटी, विद्युत, कृषि-उद्यान, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन समेत अन्य बिंदुओं पर संबंधित जिलों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। फिर इसके आधार पर कार्ययोजना तैयार कर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी।

    ये गांव हुए हैं चयनित

    • चंपावत :- पसम, मांडुआ, तारकुली, अम्नी, सैलागाड, तामली, पोलप, देवीपुर, सैलानी गोट, नैघुंट, चूका।
    • पिथौरागढ़:- बगारीहाट, द्वालीसेरा, द्योरा, तितरी, चमतोली, बलतारी, गेथीगारा, हल्दू, जमतारी, कनारी, क्वितार, त्रामिया, तरीगांव, राजुदा, फिलम, कालिका, रमतोली, धारचूला देहात, जुम्मा, स्यांकुरी, जयकोट, पंगला, बुधि, खेत।
    • ऊधम सिंह नगर :-बनमाहोलिया, नारायण नगर (डाम गारा), कुमराहा, सिसिया-बन्धा, नगला तराई।