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    Dehradun News: नौ दिन वेंटिलेटर पर रही अलफिशा, जीती चमकी बुखार से जिंदगी की जंग

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 02:16 PM (IST)

    मेरठ से आई खबर के अनुसार दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 13 वर्षीय अलफिशा ने चमकी बुखार से जूझते हुए जिंदगी की जंग जीत ली। पूरे नौ दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद अब उसकी हालत स्थिर है। बाल रोग विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए अलफिशा को नया जीवन दिया। डॉक्टरों ने टीम वर्क को सफलता का श्रेय दिया।

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    मेरठ (बिजनौर के ध्यानार्थ),, नौ दिन वेंटिलेटर पर रही अलफिशा, जीती जिंदगी की जंग

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में भर्ती 13 वर्षीय अलफिशा ने जिंदगी की जंग जीत ली है। पूरे नौ दिन तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद अब उसकी हालत स्थिर है और उसे डिस्चार्ज करने की तैयारी है। बिजनौर निवासी इस किशोरी को चमकी बुखार यानी एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित होने पर गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था।

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    जानकारी के अनुसार, अलफिशा को तेज बुखार और अचेत अवस्था में यहां लाया गया। उसे सहारनपुर मेडिकल कालेज से रेफर किया गया। दून पहुंचते समय वह पूरी तरह बेहोश थी और उसका शरीर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था।

    जांच से पता लगा कि वह एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से ग्रसित है, जिसमें मस्तिष्क में सूजन आ जाती है और समय पर इलाज न हो तो जान जाने का खतरा बना रहता है। बाल रोग विभाग की टीम ने समय गंवाए बिना उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर लिया और लगातार 9 दिन तक उसकी निगरानी की।

    इस दौरान हर पल उसकी स्थिति पर नजर रखी गई, दवाइयों की डोज को समय-समय पर समायोजित किया गया और इंफेक्शन कंट्रोल से लेकर न्यूरोलाजिकल रिस्पान्स तक हर पहलू का बारीकी से मूल्यांकन होता रहा। डा. तन्वी, डा. आयशा, डा. आस्था और डा. कुलदीप की देखरेख में उसका इलाज हुआ।

    विभागाध्यक्ष डा. अशोक के निर्देशन में टीम ने उसे नए जीवन की ओर लौटाया। अब अलफिशा पूरी तरह होश में है और बात भी कर रही है। बाल रोग विभाग के प्रमुख डा. अशोक ने उपचार टीम को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में टीमवर्क और तत्परता ही मरीज की जान बच सकती है। यह केस हमारी टीम की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।