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    मौसम ने बिगाड़ा सब्जियों का जायका, आवक घटने से आसमान छू रहे सब्जी के दाम

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 27 Aug 2020 10:23 PM (IST)

    उत्तर भारत में भारी बारिश से उपजे हालात का असर दून की मंडी में भी दिख रहा है। आवक घटने से यहां फुटकर में फल-सब्जी के दाम बढ़ने लगे हैं।

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    मौसम ने बिगाड़ा सब्जियों का जायका, आवक घटने से आसमान छू रहे सब्जी के दाम

    देहरादून, विजय जोशी। मानसून की बारिश ने अब फल-सब्जी का 'जायका' भी बिगाड़ दिया है। उत्तर भारत में भारी बारिश से उपजे हालात का असर दून की मंडी में भी दिख रहा है। आवक घटने से यहां फुटकर में फल-सब्जी के दाम बढ़ने लगे हैं। हालांकि, मंडी समिति जल्द आवक सामान्य होने की उम्मीद जता रही है। लेकिन, फिलहाल सब्जी रसोई का बजट बिगाड़ने पर तुली है। खासकर टमाटर और आलू के दामों में बेतहाशा वृद्धि से आम आदमी हलकान है।

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    मैदानी राज्यों में भारी बारिश के कारण पैदा हुए बाढ़ जैसे हालात से सब्जियों की आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है। वहीं, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भी भूस्खलन के कारण मार्ग बाधित हैं और फल-सब्जी की आवक में दिक्कतें पेश आ रही हैं। आपूर्ति कम होने से दामों में इजाफा हुआ है। आवक की बात करें तो अनलॉक शुरू होते ही निरंजनपुर मंडी में रोजाना 10 हजार कुंतल से अधिक फल-सब्जी पहुंचने लगी थी, जो इन दिनों सात हजार कुंतल पर सिमट गई है। 

    हालांकि, थोक में अभी दाम में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन फुटकर व्यापारी बाजार में मनमाने दाम वसूलने से भी नहीं चूक रहे हैं। टमाटर जहां 60 से 80 रुपये किलो की दर से बिक रहा है। वहीं, आलू भी 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। अन्य सब्जियों का भी कमोबेश यही हाल है। फल-सब्जियों के दामों में इजाफा होने के साथ ही गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। मौसमी सब्जियों पर भी बारिश के कारण असर पड़ा है। दो दिन में ही सब्जियां खराब हो रही हैं। निरंजनपुर मंडी में ही सड़ी-गली सब्जियों का अंबार लगा नजर आता है। 

    आढ़तियों का कहना है कि एक ट्रक माल में एक चौथाई बर्बाद हो जाता है। खासकर टमाटर, खीरा, बैंगन, शिमला मिर्च आदि को ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है। हालांकि, मंडी में फल-सब्जियों के थोक दाम में अभी बहुत ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन बाजार में दाम आसमान छूने लगे हैं। फुटकर विक्रेता मनमाने दाम वसूल रहे हैं और मंडी से ही महंगा माल मिलने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, इस पर मंडी समिति ने कार्रवाई का भी दावा किया है। प्रशासन के निर्देशों के क्रम में अनुचित दाम वसूलने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी है। लॉकडाउन के दौरान तो फुटकर में रेट लिस्ट चस्पा करना भी अनिवार्य किया गया था।

    विजय थपलियाल (मंडी सचिव) का कहना है कि मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि इन दिनों आवक कुछ कम हुई है। इसका प्रमुख कारण दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आयात न हो पाना है। अन्य राज्यों में भी बारिश के कारण फल-सब्जी का परिवहन प्रभावित हुआ है। अगले कुछ दिनों में आवक में सुधार होने की उम्मीद है।

    जितेंद्र आनंद (अध्यक्ष, आढ़ती एसोसिएशन) का कहना है कि बाहरी राज्यों से डिमांड के अनुरूप माल नहीं मिल रहा है। पहले जहां हर रोज प्रत्येक व्यापारी एक ट्रक फल-सब्जी मंगवा रहे थे, आज कल तीन व्यापारी मिलकर एक ट्रक मंगवा पा रहे हैं। परिवहन में दिक्कत के कारण पर्याप्त सब्जी नहीं मिल रही है। ऐसे में दाम में इजाफा होना भी लाजिमी है। बारिश कम होने पर ही हालात सामान्य हो सकेंगे।

    दलबीर सिंह (किसान, चकराता) का कहना है कि टमाटर और आलू की फसल खेतों में ही खराब हो रही है। बारिश के कारण पहाड़ों में भूस्खलन से मार्ग बंद हो रहे हैं। दो से तीन दिन तक मार्ग बंद रहने से सब्जी को नुकसान पहुंचता है। स्थानीय उत्पाद दून की मंडी तक नहीं भेज पा रहे हैं।

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