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    उत्तराखंड को वर्षा जल संरक्षण में कैंपा से मदद, पढ़िए पूरी खबर

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    Updated: Sun, 10 Mar 2019 03:51 PM (IST)

    उत्तराखंड में वर्षा जल संरक्षण के कार्याें को गति देने में क्षतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं नियोजन प्राधिकरण मदद करेगा।

    उत्तराखंड को वर्षा जल संरक्षण में कैंपा से मदद, पढ़िए पूरी खबर

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में वर्षा जल संरक्षण के कार्यों को गति देने में इस साल भी क्षतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं नियोजन प्राधिकरण (कैंपा) से 20 करोड़ की मदद मिलेगी, जो पिछले वित्तीय वर्ष से साढ़े सात करोड़ रुपये अधिक है। इस मुहिम के तहत खाल-चाल, जलकुंड, चेकडैम के जरिये बारिश की बूंदों को तो सहेजा जाएगा ही, धारे-नौले भी पुनर्जीवित किए जाएंगे। इसके अलावा अल्मोड़ा की कोसी और देहरादून की रिस्पना नदियों के रिवर फ्रंड डेवलपमेंट के कार्य भी किए जाएंगे। 

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    कैंपा निधि से पिछले वित्तीय वर्ष में वर्षा जल संरक्षण के लिए 12.50 करोड़ की राशि जारी की गई थी। इससे 1690 जलकुंड, 2950 चेकडैम, एक हजार खाल-चाल व धारों-नौलों का संरक्षण करने के साथ ही 1582 कंटूर ट्रेंच (छोटी खाई) राज्य के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए। इसके जरिये करोड़ों लीटर वर्षा जल का संचय किया गया। इन प्रयासों को मिली सफलता को देखते हुए कैंपा से आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट में इजाफा किया गया है।
    कैंपा के सीईओ समीर सिन्हा के मुताबिक आगामी वित्तीय वर्ष में कैंपा से वर्षा जल संरक्षण के लिए 20 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। इस बार भी वर्षा जल संरक्षण के पारंपरिक तरीकों खाल-चाल (छोटे-बड़े तालाब) के साथ ही धारे-नौले (प्राकृतिक जलस्रोत) पर फोकस किया गया है। यही नहीं, कोसी व रिस्पना में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत जल संरक्षण में सहायक पौधों के रोपण समेत अन्य कदम उठाए जाएंगे। 
    इस साल होंगे ये कार्य 
    कार्य,     राशि (करोड़ में) 
    जलकुंड,   4.50 
    कंटूर ट्रेंच,  2.00 
    धारा-नौला, 2.50 
    खाल-चाल, चेकडैम आदि, 5.00 
    कोसी-रिस्पना रिवर फ्रंट, 5.00 
    जलस्रोतों की मरम्मत, 1.00