Uttarkashi Cloudburst: धराली में राहत-बचाव टीमों ने संभाला मोर्चा, युद्ध स्तर पर चल रहे कार्य; 3 IAS और 6 IPS किए गए तैनात
उत्तरकाशी के भटवाड़ी में बादल फटने के बाद सरकार ने तेजी से कार्रवाई की। एनडीआरएफ एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें मौके पर भेजी गईं। तीन आईएएस और छह आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया गया है। देहरादून से एसडीआरएफ की टीमें और एनडीआरएफ के जवान भी भेजे गए हैं। मार्गों को खोलने का कार्य जारी है ताकि बचाव कार्य सुचारू रूप से चल सके।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तरकाशी के तहसील भटवाड़ी की खीर गंगा में बादल फटने की घटना के बाद सरकार व शासन तुरंत सक्रिय हो गए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही आइटीबीपी की टीमों को तुरंत मौके के लिए रवाना किया गया।
मौसम खराब होने के कारण राहत एवं बचाव दलों को सड़क मार्ग से घटनास्थल की ओर रवाना किया गया है। मौसम साफ होते ही इन्हें हवाई मार्ग से भी घटनास्थल पर पहुंचाया जाएगा।
वहीं, शासन ने तीन आइएएस अधिकारियों को बचाव कार्यों व समन्वय के लिए तीन आइएएस अधिकारियों को उत्तरकाशी में तैनात किया है। इनमें आइएएस अभिषेक रूहेला, मेहरबान सिंह बिष्ट व गौरव कुमार शामिल हैं।
वहीं, शासन ने पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल राजीव स्वरूप और पुलिस उप महानिरीक्षक एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी समेत छह आइपीएस और 11 प्रांतीय पुलिस सेवा अधिकारियों को उत्तरकाशी के लिए रवाना कर दिया है। अन्य आइपीएस अधिकारियों में श्वेता चौबे, प्रदीप कुमार राय, अमित श्रीवास्तव प्रथम और सुरजीत सिंह पंवार शामिल हैं।
मंगलवार को घटना की सूचना मिलने के बाद उत्तरकाशी में तैनात सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, राजस्व पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।
सरकार के निर्देश पर देहरादून से भी एसडीआरएफ की 10 टीमें उत्तरकाशी के लिए रवाना की गई। वहीं, एनडीआरएफ के 50 जवान दिल्ली और 15 जवान देहरादून से रवाना किए गए हैं।
वहीं, पुलिस मुख्यालय ने देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी व टिहरी से इंस्पेक्टर से लेकर हेड कांस्टेबल स्तर के 160 कार्मिकों की तैनाती की है। साथ ही 40वीं वाहिनी पीएसी और आइआरबी द्वितीय के दो दलों को उत्तरकाशी जिले के लिए रवाना किया गया है।
भारी बरसात के कारण लोक निर्माण विभाग को जल्द मार्गों को खोलने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी आवश्यक संसाधन भी भेजे जा रहे हैं। मार्ग बाधित होने व मौसम खराब होने के कारण बचाव दलों को घटनास्थल पर पहुंचने में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मार्गों को खोलने की कार्यवाही गतिमान है।
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