Updated: Wed, 11 Jun 2025 01:18 PM (IST)
भूकंप के प्रति संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण उत्तराखंड में परमाणु ऊर्जा रिएक्टर स्थापित करने की योजना अधर में लटक सकती है। केंद्र सरकार के अनुसार भूकंप के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में ऐसे संयंत्र नहीं लगाए जाएंगे। राज्य सरकार ने इस मामले में केंद्र से संपर्क करने का निर्णय लिया है क्योंकि प्रस्तावित रिएक्टर कम संवेदनशील क्षेत्रों में स्थापित किए जाने हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । भूकंप के प्रति संवेदनशील क्षेत्र -पांच वाले क्षेत्रों में परमाणु ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों को बढ़ावा नहीं देने के केंद्र सरकार के रवैये से उत्तराखंड में परमाणु ऊर्जा रिएक्टर स्थापित करने की योजना प्रभावित हो सकती है। प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में केंद्र से संपर्क साधा जाएगा।
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केंद्र विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि भूकंप के प्रति संवेदनशील क्षेत्र-पांच (सबसे ज्यादा गंभीर भूकंप वाले क्षेत्र) में आने वाले क्षेत्रों अथवा राज्य में परमाणु ऊर्जा संयंत्र नहीं लगाए जाएंगे। अन्य क्षेत्रों में कम से कम एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की योजना है, ताकि बिजली की बढ़ती खपत को पूरा किया जा सके। प्रदेश सरकार की ओर से भी परमाणु ऊर्जा रिएक्टर की स्थापना की दृष्टि से अध्ययन कराने का निर्णय लिया गया है।
यद्यपि, ये रिएक्टर राज्य में ऊधम सिंह नगर एवं हरिद्वार जैसे भूकंप के प्रति अपेक्षाकृत कम संवेदनशील क्षेत्रों में लगाना प्रस्तावित है। यह अलग बात है कि उत्तराखंड का बड़ा भू-भाग भूकंप के प्रति संवेदनशील क्षेत्र-पांच के अंतर्गत है। यही नहीं, उत्तराखंड में न तो समुद्री स्थान है और न ही कोई रेतीला स्थान।
ऐसे स्थानों को परमाणु रिएक्टर की दृष्टि से अधिक उपयुक्त माना जाता है। केंद्र सरकार के इस रवैये के बाद प्रदेश सरकार के इस दिशा में चल रहे कदम ठिठक सकते हैं। इस विषय पर जलविद्युत निगम की बोर्ड बैठक में भी चर्चा की जाएगी।
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