वित्तीय प्रबंधन में धामी सरकार की देश में धमक, विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों की विशेष श्रेणी में उत्तराखंड ने मनवाया अपना लोहा
उत्तराखंड की धामी सरकार ने वित्तीय प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों की श्रेणी में राज्य ने अपनी पहचान बनाई है। सरकार की वित्तीय नीतियों और प्रभावी क्रियान्वयन की सराहना हो रही है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में बेहतर वित्तीय प्रबंधन और राजकोषीय अनुशासन में पुष्कर सिंह धामी सरकार की धमक एक बार फिर देखने को मिली है। विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों की विशेष श्रेणी में उत्तराखंड ने बेहतर प्रदर्शन कर अपना लोहा मनवाया।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थान अरुण जेटली नेशनल इंस्टीट्यूट फार फाइनेंशियल मैनेजमेंट (एजेएनआइएफएम) की ओर से कंपोजिट पब्लिक फाइनेंशियल परफारमेंस इंडेक्स रैंकिंग यानी ओवरआल प्रदर्शन में अरुणाचल प्रदेश के बाद उत्तराखंड ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
वहीं पड़ोसी हिमाचल प्रदेश इस प्रदर्शन में काफी पीछे रह गया। एजेएनआइएफएम से पहले कैग ने भी कैग की वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2022-23 तक 10 वर्ष की अवधि के लिए राज्यों की वित्तीय स्थिति पर रिपोर्ट जारी की थी। इसमें उत्तराखंड देश के उन 16 राज्यों में सम्मिलित है, जो राजस्व सरप्लस स्थिति में हैं। राजस्व सरप्लस रहने में राज्य के अपने संसाधनों से आय संसाधन बढ़ाने को महत्वपूर्ण माना गया है।
वित्तीय प्रबंधन की इस कसौटी पर धामी सरकार के सधे कदमों को देशभर में पहचान मिली है। अब एजेएनआइएफएम ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय एवं वित्तीय प्रबंधन के आधार पर देशभर के राज्यों की रैंकिंग निर्धारित की है। उत्तराखंड समेत विशेष दर्जा प्राप्त हिमालयी प्रदेशों की विशेष श्रेणी में यूं तो 23 मानकों पर राज्य के वित्तीय प्रबंधन और राजकोषीय अनुशासन को कसा गया है।
रिसोर्स मैनेजमेंट इंडेक्स में उत्तराखंड टाप पर है। यानी, अपने संसाधनों के प्रबंधन में प्रदेश सरकार ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम रैंकिंग प्राप्त की है। इसमें हिमाचल दूसरे स्थान पर है। इसी प्रकार कंटींजेंट लायबिलिटी इंडेक्स में उत्तराखंड पहले स्थान पर है, जबकि हिमाचल तीसरे स्थान पर है।
इसके अनुसार राज्य ने अपने दायित्व अथवा देनदारी को भविष्य के लिए किसी पर डालने की नीति से कदम खींचे रखे हैं। उत्तराखंड ने ऋण प्रबंधन में सुधार करते हुए अपनी स्थिति को संभाला है।
ऋण प्रबंधन इंडेक्स में विशेष श्रेणी राज्यों में उत्तराखंड पांचवें स्थान पर है, जबकि पड़ोसी हिमाचल प्रदेश सबसे निचले यानी 10वें स्थान पर रहा। इसी प्रकार डेफिसिट मैनेजमेंट इंडेक्स यानी घाटा प्रबंधन इंडेक्स में भी उत्तराखंड पांचवें स्थान पर रहा, जबकि हिमाचल एक स्थानी नीचे रहा है। फाइनल कंपोजिट इंडेक्स और ओवरआल रैंकिंग में उत्तराखंड दूसरे स्थान पर रहा है।

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