उत्तराखंड में वन्यजीव सुरक्षा को हाई अलर्ट, कार्मिकों की छुट्टियां रद
दीपावली के दौरान शिकारियों की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड वन विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है। उल्लू की तस्करी रोकने के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है। नागरिकों से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील की गई है।

दीपावली पर्व के दौरान शिकारियों की सक्रियता की आशंका के दृष्टिगत उठाया कदम
उल्लू की तस्करी रोकने के लिए विशेष निगरानी, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर रहेगी चौकसी
राज्य ब्यूरो, देहरादून। दीपावली पर्व के दौरान उल्लू समेत वन्यजीवों के शिकार की आशंका को देखते हुए वन विभाग ने राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। सभी संरक्षित व आरक्षित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने के साथ ही कार्मिकों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। उन्हें अपरिहार्य परिस्थिति में ही छुट्टी मिलेगी।
दीपावली पर उल्लू की तस्करी रोकने के लिए विशेष निगरानी की जा रही है। सभी जगह रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर खास चौकसी बरती जा रही है। उत्तराखंड से लगी अन्य राज्यों की सीमा पर भी वहां के वन विभाग के सहयोग से निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए पुलिस का सहयोग लेने को भी कहा गया है।
दीपावली के दौरान बावरिया समेत अन्य कुख्यात शिकारी गिरोहों के सक्रिय रहने की आशंका रहती है। पिछले अनुभवों को देखें तो इस दौरान उल्लू के शिकार व तस्करी की घटनाएं होती आई हैं। कारण यह कि कुछ अंधविश्वासी तांत्रिक गतिविधियों के लिए उल्लू का उपयोग करते हैं।
इस सबको देखते हुए वन्यजीव सुरक्षा किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होती। इस सबको ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक आरके मिश्र ने राज्य में वन्यजीव सुरक्षा को हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
इसके तहत कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व से लेकर उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित नंदादेवी बायोस्फीयर रिजर्व तक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मिश्र के अनुसार सभी संरक्षित व आरक्षित वन क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है। वन कर्मियों को चौकन्ना रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं। कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व समेत अन्य संरक्षित क्षेत्रों और चिडिय़ाघरों के आसपास पटाखों के शोर से बेजबान बिदकें नहीं, इसके लिए ध्वनि के मानकों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है।
जंगलों में लंबी व छोटी दूरी की नियमित गश्त प्रारंभ कर दी गई है। उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश से लगी राज्य की सीमाओं पर खास चौकसी बरती जा रही है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें कहीं भी वन्यजीवों के शिकार, तस्करी अथवा अंधविश्वास से जुड़ी कोई गतिविधि नजर आए तो तत्काल वन विभाग को सूचित करें।
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