Move to Jagran APP

Uttarakhand Weather Update: देहरादून में रात से बारिश, बदरी-केदार सहित ऊंची चोटियों में बर्फबारी से लौटी ठंड

Uttarakhand Weather Update पहाड़ों में हल्की वर्षा और बर्फबारी से ठिठुरन लौट आई है। ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं शनिवार तड़के से ही देहरादून सहित राज्‍य के अधिकतर इलाकों में बारिश जारी रही।

By Vijay joshiEdited By: Nirmala BohraSat, 18 Mar 2023 01:47 PM (IST)
Uttarakhand Weather Update: देहरादून में रात से बारिश, बदरी-केदार सहित ऊंची चोटियों में बर्फबारी से लौटी ठंड
Uttarakhand Weather Update: बदरीनाथ धाम सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई।

जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में मौसम के बदले मिजाज के बीच मैदानों में अंधड़, बारिश और ओलावृष्टि दुश्वारी बढ़ा रही है। पहाड़ों में हल्की वर्षा और बर्फबारी से ठिठुरन लौट आई है।

बदरी- केदारनाथ धाम सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी

  • शनिवार तड़के से ही देहरादून सहित राज्‍य के अधिकतर इलाकों में बारिश जारी रही।
  • केदारनाथ, बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई। जिससे ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है।
  • विकासनगर में भी लगातार बारिश जारी रही। बारिश के चलते मौसम ठंडा होने पर फिर से गर्म कपड़े निकल गए। बारिश होने से किसान और बागवानों के चेहरे खिले नजर आए।
  • मसूरी में देर रात ढाई बजे बारिश शुरू हुई। 
  • रुड़की में भी शुक्रवार रात से बारिश जारी रही।
  • पौड़ी, कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। बारिश के कारण तापमान गिरा है। वहीं बारिश से आम और लीची की फसल को नुकसान पहुंचा है।
  • रुद्रप्रयाग जिले में घने बादल छाए हुए हैं। यहां भी बारिश की संभावना बन रही है।
  • शुक्रवार के बाद आज शनिवार को भी नैनीताल में बारिश व ओलावृष्टि हुई। यहां तापमान के खासी गिरावट दर्ज की जा रही है।

शुक्रवार दोपहर बाद मौसम ने ली करवट

शुक्रवार दोपहर से देहरादून में बादलों ने डेरा डाला और शाम को अंधड़ चलने लगी। देर शाम हल्की बूंदाबांदी हुई और रातभर झमाझम वर्षा दर्ज की गई। शनिवार की सुबह भी बारिश जारी रही। दून के बाहरी क्षेत्रों और मसूरी के आसपास कई स्थानों पर ओलावृष्टि भी दर्ज की गई। दून में रात को हुई झमाझम वर्षा से तापमान ने गोता लगाया और ठिठुरन महसूस की गई।

मौसम विभाग के अनुसार दून में रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक एक घंटे के भीतर 10 मिमी वर्षा दर्ज की गई। प्रदेश में देवीधुरा, जखोली, नैनीताल, धनोल्टी, चकराता, भीमताल, मुक्तेश्वर ज्योलीकोट आदि स्थानों पर सर्वाधिक वर्षा हुई। अन्य क्षेत्रों में भी हल्की बौछारें पड़ीं।

पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा व चोटियों पर हिमपात के आसार

मौसम विभाग के अनुसार आज भी प्रदेश में आंशिक से लेकर आमतौर पर बादल छाये रह सकते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा व चोटियों पर हिमपात के आसार हैं। निचले इलाकों में अंधड़े और गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि हो सकती है।

केदारनाथ में हिमपात

शुक्रवार को चमोली और उत्तरकाशी में भी हल्की वर्षा दर्ज की गई। जबकि, केदारनाथ में शाम को हल्का हिमपात हुआ। नैनीताल समेत कुमाऊं के कुछ इलाकों में भी जोरदार ओलावृष्टि हुई। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में अगले कुछ दिन मौसम का मिजाज बदला रहने का अनुमान है। जबकि, शुक्रवार को प्रदेश में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि और मैदानों में अंधड़ को लेकर चेतावनी जारी की गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा-बर्फबारी के आसार हैं। तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की जा सकती है।

ओलावृष्टि से जंगल की आग से फौरी राहत

उत्तराखंड में मौसम के बदले मिजाज से वन विभाग ने भी राहत की सांस ली है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर वर्षा-ओलावृष्टि से जंगल की आग की घटनाएं फिलहाल थम गई हैं। बीते दो दिन से प्रदेश में जंगल की आग की कोई घटना दर्ज नहीं की गई।

हालांकि, इससे पहले जंगल की आग की 103 घटनाओं में करीब 165 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। 71 प्रतिशत वन क्षेत्र वाले प्रदेश में जंगल की आग सबसे बड़ी चुनौती है। शीतकाल में वर्षा कम होने के कारण इस बार चुनौती और बड़ी होने की आशंका है। इस बार शीतकाल में सामान्य से करीब 60 प्रतिशत कम वर्षा हुई।

ज्यादातर शुष्क मौसम रहने के कारण फरवरी में ही गर्मी का एहसास होने लगा है। साथ ही वन क्षेत्रों में भी नमी कम होने से आग लगने का खतरा बढ़ गया है। मौसम के मौजूदा मिजाज को देखते हुए अगले कुछ माह भारी पड़ सकते हैं।

वर्षा कम होने के साथ ही चोटियों पर भी बर्फ न के बराबर बची है। मार्च के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत के बाद से वन विभाग के लिए कुछ राहत है। वर्षा-ओलावृष्टि होने से ज्यादातर क्षेत्रों में सुलग रही आग बुझ चुकी है। साथ ही फिलहाल कोई नई घटना सामने नहीं आई है।

अब तक की स्थिति

  • आग की घटनाएं: 103
  • आरक्षित क्षेत्र: 71
  • सिविल वन क्षेत्र: 32
  • क्षेत्रफल प्रभावित: 165 हेक्टेयर
  • मानव घायल: एक