Uttarakhand Weather Update: भारत में जेट स्ट्रीम का असर, पड़ेगी भीषण गर्मी, हिमखंड पिघलने और हिमस्खलन की आशंका
Uttarakhand Weather Update देश में सक्रिय पश्चिमी जेट वायु धारा से मौसम का मिजाज चौंका रहा है। उत्तराखंड में मौसम की बढ़ती बेरुखी मौसम विज्ञानियों को भी हैरान कर रही है। अगले पांच दिन तापमान में अत्यधिक वृद्धि को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

विजय जोशी, देहरादून: Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में मौसम की बढ़ती बेरुखी मौसम विज्ञानियों को भी हैरान कर रही है। शीतकाल में लगातार वर्षा में कमी के बाद अब तेजी से बढ़ रहा तापमान चिंता का विषय बनता जा रहा है।देश में सक्रिय पश्चिमी जेट वायु धारा से मौसम का मिजाज चौंका रहा है।
उत्तराखंड में भी इसका व्यापक असर पड़ने की आंशका है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है। जिससे हिमखंड पिघलने और हिमस्खलन की आशंका है। इसके साथ ही प्रदेश में गर्मी का एहसास भी होने लगा है। अगले पांच दिन तापमान में अत्यधिक वृद्धि को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
वहीं शुक्रवार को राजधानी देहरादून में सुबह की शुरुआत हल्के बादलों के साथ हुई। बादलों और धूप के बीच लुकाछिपी का दौर जारी रहा।
मानसून की विदाई के बाद से ही वर्षा को तरस रहा उत्तराखंड
अक्टूबर में मानसून की विदाई के बाद से ही उत्तराखंड वर्षा को तरस रहा है। शीतकाल में प्रदेश में औसत वर्षा में 70 प्रतिशत से अधिक कमी दर्ज की गई। वर्षा और बर्फबारी कम होने से दिसंबर-जनवरी में भी सामान्य से कम ठंड रही है और ज्यादातर समय वातावरण शुष्क रहा।
अब फरवरी का दूसरा पखवाड़ा शुरू होने के साथ ही तापमान में लगातार वृद्धि होने लगी है और दिन में गर्मी का एहसास हो रहा है। हालांकि, सुबह-शाम ठिठुरन बरकरार है। तापमान वृद्धि का कारण मौसम विज्ञानी देश में सक्रिय पश्चिमी जेट वायु धाराओं को बता रहे हैं।
इनकी वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में समतापीयमंडल की ओर से गर्म हवाएं और वायुदाब में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यह जेट वायु धारा का असर पिछले कुछ वर्षों से बेहद कम देखने को मिल रहा था। जिसकी वजह से तापमान में एकरूपता बनी हुई है। लेकिन, इस बार अत्यधिक सक्रियता के कारण उत्तराखंड में पश्चिमी जेट वायु धारा का व्यापाक असर देखने को मिल सकता है।
सामान्य से आठ से 12 डिग्री सेल्सियस अधिक रह सकता है तापमान
प्रदेश में मौसम शुष्क बना हुआ है और ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार अगले चार-पांच दिन उत्तराखंड के देहरादून, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपदों में अधिकतम तापमान आठ से 10 डिग्री सेल्सियस तक सामान्य से अधिक बने रहने की आशंका है।
जबकि, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जनपदों में अधिकतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक सामान्य से अधिक पहुंच सकता है। आगामी 19 व 20 फरवरी को कहीं-कहीं हल्की वर्षा के भी आसार बन रहे हैं। इसके साथ ही इस दौरान दिन और रात के तापमान में 18 डिग्री सेल्सियस तक का अंतर आ सकता है।
यह होती है जेट वायु धारा
- जेट वायु धारा भारतीय जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक है।
- जेट स्ट्रीम या जेट वायु धाराएं ऊपरी वायुमंडल में विशेषकर समताप मंडल में तेज गति से प्रवाहित होने वाली हवाएं हैं।
- इसकी प्रवाह की दिशा जलधाराओं की तरह ही निश्चित होती है।
- यह दो प्रकार की होती है, पश्चिमी जेट स्ट्रीम और पूर्वी जेट स्ट्रीम। पश्चिमी जेट स्ट्रीम स्थायी जेट स्ट्रीम है।
- इसका आंशिक प्रभाव वर्षभर रहता है।
- इसके प्रवाह की दिशा मुख्य रूप से पश्चिम और उत्तर भारत से दक्षिण की ओर रहती है और यह शीतकाल में शुष्क हवाओं के लिए उत्तरदायी है।
- सतह पर गर्म हवाओं से बनने वाला निम्न दबाव क्षेत्र तापमान वृद्धि का कारण है।
- पूर्वी जेट स्ट्रीम की दिशा दक्षिण-पूर्व से लेकर पश्चिमोत्तर भारत की ओर है। यह अस्थायी प्रवाह है और इसका असर वर्षाकाल में ही दिखता है।
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शहर, अधिकतम, न्यूनतम
- देहरादून, 27.4, 10.4
- ऊधमसिंह नगर, 27.2, 7.6
- मुक्तेश्वर, 18.7, 5.9
- नई टिहरी, 19, 7.8
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