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    Uttarakhand Weather: देहरादून में बादलों ने मचाई बर्बादी, 12 मकान धराशायी; जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 08:38 PM (IST)

    विकासनगर के तिमली गांव में भारी बारिश के कारण 12 कच्चे मकान धराशायी हो गए जिससे कई परिवार बेघर हो गए। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। प्रभावित लोगों ने प्रशासन से नुकसान का आकलन कर मुआवजे की मांग की है। नाजिम नाम के एक पीड़ित ने बताया कि उनका सारा सामान मलबे में दब गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द मुआवजा देने की गुहार लगाई है।

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    बेघर हुए परिवारों ने गांव में ही जानकारों के यहां ली शरण. Jagran

    संवाद सहयोगी जागरण, विकासनगर। रविवार सुबह से दोपहर दो बजे तक हुई पांच घंटे की वर्षा ने तिमली गांव में कहर बरपाया। आसमान से बरसी आफत के कारण 12 कच्चे मकान धराशायी हो गए। बेघर हुए परिवारों ने गांव में ही जानकारों के यहां पर शरण ली।

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    जिस समय पर तेज बारिश शुरू हुई। कच्चे मकानों में रहने वाले लोग आसपास के पक्के घरों पर शरण लेने के लिए पहुंच गए। देखते ही देखते एक दर्जन कच्चे मकान धराशाई हो गए। गनीमत यह रही कि उस समय कच्चे मकानों में कोई मौजूद नहीं था। ऐसे में एक बड़ा हादसा होने से टल गया। लेकिन मकान गिरने से उसमें रहने वाले लोग अब सड़क पर आ गए हैं। इससे पहले भी तिमली गांव में भारी बारिश के चलते 15 मकान धराशायी हो चुके हैं।

    पीड़ित लोगों ने प्रशासन से क्षति का आकलन कर मुआवजे की मांग की है। रविवार को तेज बारिश का कहर तिमली गांव में धराशायी हुए 12 मकानों से लगा सकते हैं। यहां तेज बारिश के चलते सलीम, समीना, जहूर, शहीदा, इरफान, गुलजार, हनीफा, नूतन, हमीदा, मीना, नाजीम, इस्ताक आदि लोगों के कच्चे मकान धराशायी हुए हैं।

    इसके अलावा स्थानीय निवासी दलीप सिंह के मकान को बारिश के चलते भारी नुकसान पहुंचा है। नाजीम ने बताया कि उन्हें तो अपने मकान से सामान निकलने तक का समय नहीं मिला, सारा सामान मलबे में दब गया है। उनके पास केवल पहने हुए कपड़े ही बचे हैं। प्रभावितों ने प्रशासन से नुकसान का आंकलन कर मुआवजे की मांग की है। इसके अलावा तिमली में दर्जन भर और ऐसे में मकान हैं, जो कभी भी धराशायी हो सकते हैं।

    पीड़ित लोगों ने बताया कि उनके पास केवल रहने के लिए यही मकान थे। उनके सामने अब रहने का संकट पैदा हो गया है। अभी फिलहाल रिश्तेदारों या आसपास लोगों के घरों में शरण ले रखी है। उन्होंने प्रशासन से रहने की व्यवस्था करने और जल्द मुआवजा देने की मांग की।