Uttarakhand Weather: शीतलहर की चपेट में आया उत्तराखंड, हरिद्वार में दो भिखारियों की मौत
बारिश और बर्फबारी के बाद उत्तराखंड शीतलहर की चपेट में है। सर्द हवाएं लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। हरिद्वार जिले में ठंड के प्रकोप से दो भिखारियों की मौत हो गई है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड बारिश और बर्फबारी के बाद शीतलहर की चपेट में है। सर्द हवाएं लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। हरिद्वार जिले में ठंड के प्रकोप से दो भिखारियों की मौत हो गई है। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिन शीतलहर का प्रकोप जारी रह सकता है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक प्रदेश में आने वाले दिनों में भी शीतलहर का प्रकोप बना रहेगा। विशेषकर पहाड़ों में कई जगह तापमान जमाव बिंदु के आसपास रहेगा। सुबह के समय दून समेत अन्य मैदानी क्षेत्र में कोहरा छाया रहा। दिन चढ़ने के साथ ही गुनगुनी धूप खिलने लगी, लेकिन बर्फीली हवाओं के आगे धूप नाकाफी साबित हो रही है।
लोग दिनभर ठंड से परेशान रहे। मौसम साफ होने से सड़कें खोलने के काम में तेजी आई है। वहीं, बर्फबारी से अवरुद्ध सड़कें खोलन का काम भी जारी है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार प्रदेश में अधिकतर सड़कों पर यातायात बहाल कर लिया गया है। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे पर गंगोत्री तक यातायात बहाल कर दिया गया है, जबकि भैरवघाटी तक बर्फ हटाने का काम चल रहा है।
इसी तरह चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर जोशीमठ से हनुमानचट्टी के बीच भी आवागमन शुरू कर दिया गया है। वहीं, चमोली के जोशीमठ में अब भी विद्युत आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई है। बिजली लाइनों की मरम्मत का कार्य जारी है।
हरिद्धार में शीतलहर की चपेट में दो भिखारी की मौत
हरिद्वार में अलग-अलग स्थानों पर दो वृद्ध भिखारियों की शीतलहर की चपेट में आने से मौत हो गई। शहर कोतवाली प्रभारी प्रवीण कोश्यारी ने बताया कि रोड़ीबेलवाला स्थिति पार्किंग के पास में एक भिखारी के खुले आसमान के नीचे मृत होने की सूचना मिली। मौके पर जाकर उसके शव को कब्जे में लिया गया। शीतलहर के चलते मौत को मानते हुए शव को कब्जे मे लेकर सेवा समिति को सौंपा दिया गया।
वहीं दूसरी ओर सप्तसरोवर क्षेत्र के दूधिया बांध के पास भी एक भिखारी का खुले में शव होने की सूचना पर पुलिस ने उसे कब्जे में लेकर दाह संस्कार के लिए सेवा समिति को सौंप दिया। कोतवाल प्रवीण कोशियारी ने बताया कि गंगा किनारे खुले में कई भिखारी रात में भी रहते हैं। अलाव की व्यवस्था न होने से ठंड को मौत का कारण माना गया है। वहीं, नगर निगम को भी अलाव जलवाने के लिए पत्र लिखा जा रहा है।
सैलानियों के लिए औली तक पहुंचना हुआ मुश्किल
जोशीमठ से औली के बीच पांच किलोमीटर सड़क बर्फ से पटी हुई है। ऐसे में सैलानियों को यहां तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी बृजेंद्र पांडे ने बताया कि हर दिन करीब पांच सौ सैलानी औली में बर्फ का लुत्फ लेने आ रहे हैं, लेकिन सड़क बंद होने के कारण एक मात्र विकल्प रोपवे है और रोपवे से चार सौ से ज्यादा लोग नहीं भेजे जा सकते। इसलिए सैलानियों को इंतजार करना पड़ रहा है।
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लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत ने बताया कि जेसीबी से बर्फ हटाई जा रही है, लेकिन बर्फ सख्त होने के कारण इसमें दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि चूना और नमक का इस्तेमाल कर भी बर्फ को पिघलाया जा रहा है।
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