Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand Weather : 10 अक्‍टूबर से पहले भारी बारिश का अलर्ट, यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे खुला

    By JagranEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Fri, 30 Sep 2022 07:52 AM (IST)

    Uttarakhand Weather मौसम विभाग के अुनसार मानसून प्रदेश से 10 अक्टूबर के आसपास लौट सकता है। इससे पहले पांच अक्टूबर के बाद भारी वर्षा के एक-दो दौर हो सकते हैं। इस बार प्रदेश में मानसून ने दस्तक भी विलंब से ही दी थी।

    Hero Image
    Uttarakhand Weather : 37 घंटे बाद सुचारू हुआ यमुनोत्री हाईवे। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Weather : उत्तराखंड में वर्षा का क्रम कुछ धीमा जरूर पड़ा है, लेकिन दुश्‍वारियां कम नहीं हो रही हैं। चारधाम यात्रा मार्ग बार बार बंद हो रहा है। वहीं यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड के पास शुक्रवार सुबह 37 घंटे बाद सुचारू हो पाया है। गंगोत्री हाईवे भी शुक्रवार को सुचारू कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं इस बार प्रदेश में मानसून ने दस्तक भी विलंब से ही दी थी। इस बार 29 जून को उत्तराखंड में मानसून पहुंचा था। मौसम विभाग के अुनसार मानसून प्रदेश से 10 अक्टूबर के आसपास लौट सकता है। इससे पहले पांच अक्टूबर के बाद भारी वर्षा के एक-दो दौर हो सकते हैं।

    भूस्खलन से अवरुद्ध रहे गंगोत्री और यमुनोत्री राजमार्ग

    धरासू बैंड के पास बुधवार की शाम को हुए भारी भूस्खलन से गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुवार को पूरे दिन अवरुद्ध रहे, जिससे धरासू के पास हजारों तीर्थयात्रियों सहित स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

    राजमार्ग अवरुद्ध रहने के कारण उत्तरकाशी में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी खासी प्रभावित रही। यमुना घाटी और जिला मुख्यालय के बीच का संपर्क भी पूरी तरह से ठप रहा।

    बुधवार की शाम पांच बजे के करीब धरासू बैंड बाजार से दो मीटर यमुनोत्री की ओर पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ। पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा भी टूटा, जिससे पहले मलबा व पत्थर यमुनोत्री राजमार्ग पर गिरे। फिर गंगोत्री राजमार्ग पर भूस्खलन का मलबा पहुंचा, जिससे राजमार्ग भी पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया था।

    धूप खिलने पर दरके पहाड़, 37 में से 14 मार्ग खुले, 23 अभी भी बंद

    आसमान से वर्षा के रूप में बरस रही आफत तो अब बंद है, लेकिन चटख धूप खिलने पर जौनसार बावर के पहाड़ों में भूस्खलन का क्रम तेज हो गया है। पहाड़ दरकने पर बंद हुए 37 में से 14 मार्गों को खोल दिया गया है। शेष 23 मोटर मार्ग बंद रहने से ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित रहा।

    लोनिवि चकराता अंतर्गत मुख्य जिला मार्ग पुरोड़ी रावना डामटा, मरलऊ बडोडा, डुंगियारा, छोटाऊ, रावना पुरोड़ी, कोटी कनासर रजाणू, राज्य मार्ग चकराता लाखामंडल, राज्य मार्ग दारागाड कथियान त्यूणी, सावड़ा छाछवा खेड़ा डुंगरी, सुनोई पेनुवा, त्यूणी कथियान बागूर मोटर मार्गों पर जगह जगह मलबा आने से यातायात प्रभावित रहा।

    लोनिवि साहिया अंतर्गत राज्य मार्ग हरिपुर इच्छाड़ी क्वानू मोटर मार्ग पर इच्छाड़ी, पाथुवा, टिकरधार, धारिया गांवों के समीप आया मलबा दूसरे दिन भी नहीं हट पाया और न ही सुरक्षा दीवार बनाई जा सकी। समरजेंस, बिजऊ क्वेथा खतार, लक्सयार लुधेरा क्यारी कचटा, हमरऊ ललऊ दातनू बडनू, हईया अलसी मोटर मार्ग पर मलबे के कारण यातायात पूरी तरह से ठप रहा।

    कृषि उपज से भरे वाहन फंसे हुए हैं। पीएमजीएसवाई कालसी अंतर्गत सैंज चंदोऊ, कथियान डिरनाड, खारसी खाटुवा, लाखामंडल खबौ, डिमीच, लाखामंडल नाडा मोटर मार्गों पर आवागमन पूरी तरह से ठप रहा।

    उधर, लोनिवि साहिया के अधिशासी अभियंता प्रत्युष कुमार, पीएमजीएसवाई कालसी के अधिशासी अभियंता आरएस टम्टा व लोनिवि चकराता के अधिशासी अभियंता एमएस बेडवाल के अनुसार बंद सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं।