By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Mon, 05 Feb 2024 10:43 AM (IST)
Uniform Civil Code कांग्रेस ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर सरकार जो विधेयक ला रही है उसके ड्राफ्ट के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। ऐसे में विधेयक पेश होने के बाद ही पता चल पाएगा कि इसमें क्या-क्या प्रविधान किए गए हैं। इस विधेयक के अध्ययन के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए ।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के दृष्टिगत विधानसभा सत्र में विधेयक पेश करने के सरकार के निर्णय को लेकर कांग्रेस बेहद सधे कदमों से आगे बढ़ेगी। कांग्रेस विधानमंडल दल की रविवार को हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सदन में विधेयक पेश होने के बाद इसके अध्ययन के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए, ताकि इस पर ठीक से चर्चा हो सके।
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नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के यमुना कालोनी स्थित शासकीय आवास पर हुई कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले समान नागरिक संहिता विधेयक समेत अन्य विषयों पर गहनता से विमर्श हुआ। कहा गया कि समान नागरिक संहिता को लेकर सरकार जो विधेयक ला रही है, उसके ड्राफ्ट के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
ऐसे में विधेयक पेश होने के बाद ही पता चल पाएगा कि इसमें क्या-क्या प्रविधान किए गए हैं। इस विधेयक के अध्ययन के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। साथ ही विस्तार से चर्चा होनी चाहिए, ताकि सभी लोग अपनी राय रख सकें। इस दृष्टिकोण से सत्र की अवधि भी बढ़ाई जानी चाहिए।
बैठक में कहा गया कि सरकार की ओर से इसे विशेष सत्र कहा जा रहा है, जबकि यह पिछले मानसून सत्र का सत्रावसान न होने के कारण उसे निरंतरता में आगे बढ़ाया गया है। यह अलग सत्र आहूत नहीं किया गया है। ऐसे में प्रश्नकाल को लंबित नहीं किया जा सकता। तय किया गया कि कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य सेवाएं, आपदा जैसे तमाम मुद्दों के साथ ही स्थानीय विषयों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
बैठक में नेता प्रतिपक्ष आर्य के अलावा उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, विधायक प्रीतम सिंह, वीरेंद्र जाति, मनोज तिवारी समेत अन्य विधायकों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे।
सदन में हो विस्तृत चर्चा
यशपाल विधानसभा में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता विधेयक सदन में पेश करने के निर्णय की जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सत्र को विशेष सत्र कहा जा रहा है।
विशेष सत्र में प्रश्नकाल नहीं होता, सरकार विधायकों के प्रश्नों से बचने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सत्र में प्रश्नकाल हो, ताकि पक्ष-विपक्ष के सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े विषयों को सदन में उठा सकें। साथ ही नियम-310 व नियम 58 में उठाए जाने वाले विषय भी लिए जाने चाहिए।
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