Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड में कार्मिकों की कमी से जूझ रही परिवहन विभाग की चेकपोस्ट, 19 में से सिर्फ 13 ही सक्रिय

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Wed, 20 Jan 2021 02:02 PM (IST)

    उत्तराखंड परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में एंट्री टैक्स (प्रवेश शुल्क) लेने के लिए बनाई गई चेकपोस्ट पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पा रही हैं। स्थिति यह है कि विभाग में स्वीकृत 19 चेकपोस्ट में से केवल 13 ही सक्रिय हैं। शेष छह फिलहाल बंद चल रही है।

    Hero Image
    उत्तराखंड में कार्मिकों की कमी से जूझ रही परिवहन विभाग की चेकपोस्ट।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में एंट्री टैक्स (प्रवेश शुल्क) लेने के लिए बनाई गई चेकपोस्ट पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पा रही हैं। स्थिति यह है कि विभाग में स्वीकृत 19 चेकपोस्ट में से केवल 13 ही सक्रिय हैं। शेष छह फिलहाल बंद चल रही है। इतना ही नहीं इन सभी को कंप्यूटरीकृत करने की मंशा भी परवान नहीं चढ़ पाई है। प्रदेश में आने वाले विभिन्न मार्गो में एंट्री टैक्स वसूलने के लिए परिवहन महकमे ने जगह-जगह चेकपोस्ट बनाई हुई हैं। इन चेकपोस्टों से विभाग चार करोड़ रुपये से अधिक की सालाना कमाई करता है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 2016 में तत्कालीन सरकार ने प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले सभी प्रकार के वाहनों से प्रवेश शुल्क लेने का निर्णय लिया था। इसके लिए बाकायदा राशि भी तय की गई थी, पर कर्मचारियों की कमी इसका रोड़ा बन रही थी। चेकपोस्टों पर अवैध वसूली की शिकायतें भी विभाग के लिए एक परेशानी बन रही थी। ऐसे में विभाग ने निजी कंपनियों के जरिये इस काम को आगे बढ़ाने की योजना बनाई, लेकिन सरकार बदलने के बाद यह कार्य रुक गया। 

    इतना ही नहीं विभाग ने चेकपोस्टों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया, लेकिन यह काम भी आगे नहीं बढ़ पाया। ऐसे में विभाग ने बाहर से आने वाले व्यावसायिक वाहनों से शत प्रतिशत शुल्क वसूलने के लिए इन चेकपोस्टों को हाईटेक करने की योजना बनाई। इसके तहत हर चेकपोस्ट पर एक कंप्यूटर लगाने के साथ ही इसमें नए सॉफ्टेयर डाल कर इन्हें परिवहन मुख्यालय से सीधे जोड़ने की थी। इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए उपकरणों का भी प्राविधान किया गया। 

    इसमें भी कुछ ही चेकपोस्टों पर यह व्यवस्था हो पाई। इसके बाद शुल्क ऑनलाइन लिए जाने की व्यवस्था बनी। इसके साथ ही चेकपोस्टों की संख्या सीमित करने की बात हुई। इस बीच फर्जी रसीद का मामला सामने आने के कारण चेकपोस्टों को फिर से सक्रिय कर दिया गया। हालांकि, कर्मचारियों की कमी के चलते मात्र 13 चेकपोस्ट ही अभी सक्रिय रूप से चल रही हैं। कर्मचारियों की कमी को देखते हुए विभाग की मंशा निकट भविष्य में इन्हें कम करने की भी है।

    यह भी पढ़ें- हरियाणा रूट पर अपनी बसें होने के बाद भी निगम ने मंगवा ली दो अनुबंधित बसें