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    Uttarakhand Transport Corporation: वेतन न मिलने पर हंगामा, नौ सितंबर से थमेंगे बसों के पहिये

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 01:24 PM (IST)

    उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारी दो माह से वेतन न मिलने के कारण आक्रोशित हैं। उन्होंने अधिकारियों का घेराव किया और 9 सितंबर से प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है। वित्तीय संकट के कारण निगम कर्मचारियों सेवानिवृत्त कर्मचारियों और बस ऑपरेटरों का भुगतान करने में असमर्थ है। यूनियनें प्रबंधन से लगातार वेतन देने का आग्रह कर रही हैं लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

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    दो माह से वेतन न मिलने पर उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारियों का फूटा आक्रोश। फाइल

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दो माह से बिना वेतन काम कर रहे उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों का आक्रोश मंगलवार को फूट पड़ा। देहरादून आइएसबीटी और ट्रांसपोर्टनगर कार्यशाला में कर्मचारियों ने न केवल जमकर हंगामा किया बल्कि अधिकारियों का घेराव कर नारेबाजी भी की।

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    कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर आठ सितंबर तक वेतन नहीं मिला तो नौ सितंबर से समस्त कर्मचारी प्रदेशव्यापी कार्य-बहिष्कार पर चले जाएंगे। कर्मचारियों की चेतावनी के चलते नौ सितंबर से बस संचालन पूरी तरह ठप हो सकता है।

    इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में चला गया है। स्थिति यह है कि कर्मचारियों को दो माह (जुलाई व अगस्त) का वेतन नहीं मिला है। जून का वेतन भी अगस्त के पहले पखवाड़े में दिया गया था।

    सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयकों का भुगतान पिछले छह माह से नहीं किया जा रहा। अनुबंधित बस आपरेटरों का भुगतान भी तीन माह से लंबित है। पिछले एक माह में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के साथ ही रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद व उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन की ओर से प्रबंध निदेशक को ज्ञापन देकर कई बार वेतन समय पर देने का आग्रह किया जा चुका है, लेकिन प्रबंधन ने वेतन व लंबित देयकों का भुगतान करने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

    इससे आक्रोशित कर्मचारियों के सब्र का बांध मंगलवार को टूट गया और उन्होंने ट्रांसपोर्टनगर कार्यशाला में निरीक्षण को पहुंचे डीजीएम तकनीकी भूपेश कुशवाह व एजीएम वित्त राजीव गुप्ता का घेराव कर जमकर हंगामा किया। संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने कहा कि यदि वेतन भुगतान न हुआ तो कर्मचारी प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे।

    वहीं, आइएसबीटी पर रोडवेज कर्मचारी यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने एजीएम ग्रामीण डिपो प्रतीक जैन का घेराव कर प्रदर्शन किया। यूनियन के मंडल मंत्री परमजीत सिंह की ओर से मंडल प्रबंधक को नौ सितंबर से पूर्ण रूप से कार्य-बहिष्कार पर जाने का पत्र दिया है। वहीं, टनकपुर व नैनीताल मंडल में भी यूनियन ने नौ सितंबर से कार्य-बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध भी जता रहे हैं।

    बंद हो सकता है डीजल, 100 करोड़ की देनदारी

    परिवहन निगम की खस्ताहाल स्थिति का आलम यह है कि वर्तमान में इंडियन आयल का डीजल का करीब 11 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है। भुगतान न होने पर इंडियन आयल भी डीजल देने से हाथ खींचने की तैयारी में है।

    वहीं, निगम प्रबंधन पर दो माह का वेतन करीब 42 करोड़ रुपये बकाया है। कर्मचारी बचत ऋण समितियों का मार्च से भुगतान लंबित है, जो करीब 18 करोड़ रुपये है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयकों का भी करीब 30 करोड़ रुपये बकाया है। ऐसे में परिवहन निगम पर करीब 100 करोड़ रुपये की देनदारी है। स्पेयर्स पार्ट्स और टायरों का भुगतान अलग लंबित है।

    सभी यूनियनों ने मांगा समर्थन

    उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से नौ सितंबर से प्रस्तावित कार्य-बहिष्कार के लिए सभी कर्मचारी यूनियनों से समर्थन मांगा गया है। यूनियन की देहरादून, हल्द्वानी और टनकपुर मंडल शाखा की ओर से समस्त यूनियनों के पदाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

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