उत्तराखंड परिवहन निगम की 350 बसों को शनिवार से दिल्ली में नहीं मिलेगा प्रवेश, क्या है पूरा मामला पढ़ें
Uttarakhand Transport Corporation उत्तराखंड परिवहन निगम की लगभग 350 बसों को कल शनिवार से दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा। दिल्ली सरकार ने एक माह पूर्व ही बीएस-6 बसों की एडवाइजरी जारी कर दी थी मगर यहां अधिकारी निश्चिंत बैठे रहे।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Transport Corporation : दिल्ली के लिए संचालित उत्तराखंड परिवहन निगम की लगभग 350 बसों को कल शनिवार से दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा। उत्तराखंड की बसों को दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को इसके नोटिस थमा दिए कि एक अक्टूबर से बसों का संचालन दिल्ली के अंदर नहीं किया जा सकेगा।
दिल्ली सरकार ने एक अक्टूबर से सिर्फ बीएस-6 बसों के प्रवेश की अनुमति दी हुई है, जबकि उत्तराखंड परिवहन निगम के पास बीएस-6 श्रेणी की अपनी एक भी बस नहीं है। केवल 50 अनुबंधित बसें ही ऐसी हैं, जो बीएस-6 श्रेणी की हैं।
एक माह पूर्व ही जारी कर दी थी बीएस-6 बसों की एडवाइजरी
- दिल्ली सरकार ने एक माह पूर्व ही बीएस-6 बसों की एडवाइजरी जारी कर दी थी, मगर यहां अधिकारी निश्चिंत बैठे रहे।
- गुरुवार को हुई नोटिस की कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इस संबंध में निगम की तरफ से राज्य सरकार से मामला सुलझाने की गुहार लगाई गई है।
- उत्तराखंड की बसों में रोजाना पचीस से तीस हजार यात्री दिल्ली का सफर करते हैं।
- अगर बसों का दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा तो उत्तराखंड की बसें दिल्ली बार्डर पर स्थित आनंद विहार बस अड्डे तक ही जा सकेंगी।
- इससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी होगी बल्कि उत्तराखंड रोडवेज को भी घाटा उठाना पड़ सकता है।
- तकरीबन 1250 बस बेड़े वाले उत्तराखंड रोडवेज की 350 बसों का संचालन रोज दिल्ली के लिए होता है।
- इसके अलावा 50 बसें ऐसी हैं, जो दिल्ली होकर गुजरती हैं।
- इनमें देहरादून मंडल की 200 बसें और कुमाऊं मंडल की 150 बसें शामिल बताई जा रहीं।
- रोडवेज के आंकड़ों के मुताबिक निगम की बसें रोजाना औसतन सवा लाख यात्रियों को परिवहन कराती हैं।
- इनमें दिल्ली रूट पर पचीस से तीस हजार यात्री सफर करते हैं।
- उत्तराखंड रोडवेज की ज्यादातर बसें दिल्ली के प्रमुख बस अड्डे कश्मीरी गेट तक जाती हैं।
- ऐसे में दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध संबंधी चेतावनी का पत्र जारी होने के बाद उत्तराखंड में भी हड़कंप मच गया है।
- रोडवेज अधिकारियों की मानें तो उन्हें अब तक अधिकारिक तौर पर बसों के प्रवेश के रोक का पत्र नहीं मिला है, हां इसकी एडवाइजरी जरूर मिली थी।
- रोडवेज के लिए दिल्ली मार्ग सर्वाधिक आय वाला माना जाता है।
- रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि एडवाइजरी में बीएस-6 बसों के संचालन का जिक्र तो किया गया था, लेकिन पुरानी बसों पर प्रतिबंध लगाने जैसी बात नहीं थी। इस बारे में शासन को अवगत कराया जा रहा।
दूसरे राज्य जाने वाली बसें भी होंगी प्रभावित
अगर दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगता है तो दिल्ली होकर दूसरे राज्य जाने वाली उत्तराखंड रोडवेज की बसें भी प्रभावित हो सकती हैं। दरअसल, दिल्ली से होकर यहां की बसें गुरुग्राम, फरीदाबाद, आगरा समेत जयपुर, अजमेर व अलवर आदि संचालित होती हैं।
इन बसों की भी संख्या करीब 50 है और इनमें रोजाना ढाई हजार यात्री सफर करते हैं। उत्तराखंड के पास वाया हरियाणा होते हुए राजस्थान के लिए बसें भेजने का विकल्प है, लेकिन यह मार्ग बेहद लंबा है। जिसमें डीजल और समय की खपत बेहद बढ़ जाएगी व यात्री भी लंबा सफर करने से परहेज करेंगे।
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