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    Uttarakhand Tourism: सात सालों में पर्यटकों की संख्या में बंपर बढ़ोतरी, कोविड के बाद आया चौंकाने वाला उछाल

    Updated: Sat, 28 Sep 2024 12:50 PM (IST)

    Uttarakhand Tourism उत्तराखंड पर्यटन में पिछले सात सालों में 61.79 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। 2018 में 3.68 करोड़ पर्यटक आए थे जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 5.96 करोड़ हो गई। कोविड के बाद से पर्यटकों की संख्या में उछाल आया है। एस्ट्रो एयरो ईको और साहसिक पर्यटन में नए नवाचारों ने पर्यटन को बढ़ावा दिया है।

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    Uttarakhand Tourism : पर्यटकों की संख्या में इजाफा. File Photo

    जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Tourism : पर्यटन विकास क्षेत्र में नए नवाचार होने से बाहर से आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले सात सालों की अपेक्षा पर्यटकों की संख्या करीब 61.79 प्रतिशत बढ़ी है। वर्ष 2018 में देवभूमि के विभिन्न पर्यटन स्थलों में 3.68 करोड़ पर्यटक आए और 2023 में 5.96 करोड़ पर्यटकों की आमद हुई। जबकि, 2024 अगस्त तक करीब तीन करोड़ पर्यटक पहुंचे हैं।

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    देवभूमि का सुहावना मौसम और हरा-भरा प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को लुभा रहा है। यही कारण है कि हर रोज पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले सात सालों में प्रदेश में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एस्ट्रो, एयरो, ईको और साहसिक पर्यटन में तमाम नवाचार हुए। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ स्थानीय रोजगार में भी चार चांद लगे हैं।

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    मानसखंड मंदिर माला निर्माण, टिहरी झील सुंदरीकरण, होमस्टे योजना, टूर एजेंसियों की मान्यता, एयरो फेस्टिवल, वेडिंग प्वाइंट, मोटर कैरावैन, राफ्टिंग, योगा केंद्र, साहसिक में पैराग्लाइडिंग और माउंटनियरिंग सहित आइआरसीटीसी योजना शुरू होने से उत्तराखंड पर्यटन का प्रचार-प्रसार पूरे देश में होने के साथ विदेश तक फैल रहा है। यह साफ है कि उत्तराखंड में पर्यटन संबंधी लगभग सभी गतिविधियां संचालित हैं।

    होटल और टूर एजेंसी की मान्यता से पर्यटकों की नहीं कट रही जेब

    पर्यटन विकास बोर्ड ने प्रदेश के तमाम होटल, होमस्टे, रेस्ट-हाउस, गेस्ट हाउस और टूर एजेंसी को पंजीकृत कर उन्हें मान्यता दी है। ऐसे में पर्यटकों से वाजिब किराया लिया जाता है। जबकि, पूर्व में अक्सर पर्यटक होटल और वाहन का किराया अधिक होने की शिकायत करते थे।

    पर्यटन विभाग में प्रदेश के 4,915 होटल, गेस्ट-हाउस, रेस्ट-हाउस और रिजार्ट पंजीकृत हैं। वहीं, पंजीकृत होमस्टे की संख्या 5,707 है। ट्रैवल एजेंट और टूर आपरेटर की संख्या 616 और टेंट कालोनी 255 हैं। इससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिला है।

    1,816 युवाओं को दिया साहसिक पर्यटन का प्रशिक्षण

    • पर्यटन विभाग ने पैराग्लाइडिंग, माउंटेनियरिंग, नौकायान, कायकिंग-कैनोइंग और लो एल्टीट्यूड से हाई एल्टीट्यूड ट्रैकिंग के लिए 1,816 स्थानीय युवाओं को बाहरी एजेंसी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। ताकि पर्यटक यहां साहसिक पर्यटन का आनंद उठा सके और स्थानीय युवा रोजगार से जुड़े।
    • पैराग्लाइडिंग में 741, कायकिंग में 240, नौकायान में 14 महिला को प्रशिक्षण दिया गया।
    • इसके अलावा अन्य युवाओं को भी साहसिक पर्यटन की विभिन्न गतिविधियों का प्रशिक्षण मिला।
    • वहीं, विभाग में साहसिक पर्यटन के 196, ट्रैकिंग के 318 और राफ्टिंग के भी 318 टूर आपरेटर पंजीकृत हैं।

    वेडिंग, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी और योगा प्वाइंट भी हैं मौजूद

    प्रदेश में पर्यटन के साथ-साथ 12 वेडिंग प्वाइंट, 36 योगा प्वाइंट, 15 एमयूजमेंट पार्क, 33 वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी प्वाइंट मौजूद हैं। जहां पर्यटकों को उचित मूल्य पर सारी सुविधाओं को लाभ मिल रहा है। इसके अलावा यह सभी प्वाइंट पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं।

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    मानसखंड माला मिशन से दक्षिण में मिल रही पहचान

    वर्ष 2024 फरवरी में पर्यटन विभाग ने रेलवे के साथ एमओयू कर कुमाऊं के मानसखंड में पर्यटकों को बुलाने के लिए विशेष ट्रेन का संचालन किया गया। पहली ट्रेन पुणे से मानसखंड के लिए 292 पर्यटकों को लेकर आई। दूसरी बार पुणे से मानसखंड के लिए आई ट्रेन में 305 यात्री आए। मदुरै से कार्तिक-स्वामी के लिए आई तीसरी ट्रेन में 165 पर्यटक आए। चौथी बेंगलुरु से मानसखंड के लिए आई ट्रेन में 200 पर्यटकों की आमद हुई।

    छह सालों में आने वाले पर्यटकों की संख्या

    • वर्ष ------ पर्यटक
    • 2018 ---- 3,68,52,204
    • 2019 ---- 3,92,25,740
    • 2020 ---- 78,74,765
    • 2021 ---- 2,00,18,115
    • 2022 ---- 5,39,81,338
    • 2023 ---- 5,96,36,601

    कोविड के बाद से प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पर्यटक लोकप्रिय जगहों के साथ-साथ अब साफ और शांत जगहों पर भी जा रहे हैं। आतिथ्य संबंधी व्यवस्थाओं का विस्तार करीब दो हजार करोड़ रुपये का हुआ है। इसके अलावा स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग और रोजगार के लिए सब्सिडी आदि की स्कीम भी प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो रही हैं। जल्द ही पर्यटकों को अब कैलाश दर्शन कराने की योजना चल रही है। - सचिन कुर्वे, सचिव, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड