Updated: Sun, 21 Sep 2025 03:53 PM (IST)
उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों के लिए सज़ा के नियमों के बाद उत्तराखंड भी इसी तरह के नियम बनाने की तैयारी कर रहा है। नए नियमों के तहत पहली बार काटने पर कुत्ते को एबीसी सेंटर भेजा जाएगा और दोबारा काटने पर उसे हमेशा के लिए रखा जाएगा। कुत्तों पर चिप लगाने की भी योजना है ताकि उनके व्यवहार पर नज़र रखी जा सके। उत्तराखंड में 84000 आवारा कुत्ते हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तर प्रदेश सरकार ने आवारा कुत्तों को एबीसी सेंटर में 10 दिन की कैद से लेकर उम्रकैद तक का प्राविधान किया है।
अब उत्तराखंड सरकार भी आवारा कुत्तों के लिए नियमावली बनाने जा रही है। इसके लिए शहरी विकास विभाग ने प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक उप्र की पालिसी का अध्ययन किया जा रहा है। जल्द उत्तराखंड में भी इसके लिए नियमावली लागू की जाएगी।
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गौरतलब हो कि आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी के बाद उप्र में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने आदेश दिया कि अगर कोई आवारा कुत्ता एक बार किसी व्यक्ति को काटता है, तो उसे 10 दिन के लिए एबीसी सेंटर में भेजा जाएगा।
अगर किसी कुत्ते ने दोबारा किसी को काटा तो उसे दोबारा हमेशा के लिए एबीसी सेंटर भेज दिया जाएगा। कुत्ते को तभी छोड़ा जाएगा, जब कोई व्यक्ति अधिकृत तौर पर उसे गोद लेने के लिए तैयार होगा। इन सभी बिंदुओं पर गौर फरमाते हुए उत्तराखंड में भी शहरी विकास विभाग ने इसके लिए पृथक नियमावली बनाने की तैयारी तेज कर दी है।
कुत्तों पर लगेगी चिप
आवारा कुत्तों पर चिप लगाने का भी आदेश उप्र में दिया गया है। माइक्रो चिप के जरिए कुत्ते के व्यवहार की निगरानी की जाएगी, ताकि उसके व्यवहार और गतिविधियों की निगरानी हो सके। उत्तराखंड में भी इसकी तैयारी की जा रही है।
राज्य में लगभग 84,000 आवारा कुत्ते
उत्तराखंड में भी आवारा कुत्तों का आतंक कम नहीं है। पशुपालन विभाग के अनुमान के अनुसार राज्य में लगभग 84,000 आवारा कुत्ते हैं। यद्यपि, विभिन्न शहरों में स्थानीय निकायों के अनुसार अनुमान अलग-अलग भी हैं। देहरादून में सबसे अधिक करीब 50,000 आवारा कुत्ते होने का अनुमान है।
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