जल जीवन मिशन: उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों में नल से पहुंचेगा जल, दिसंबर तक काम हो जाएगा पूरा
केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड में इस दिसंबर तक हर घर में नल से जल उपलब्ध करा दिया जाएगा। वर्तमान में 97.63% से अधिक परिवारों को नल से जलापूर्ति हो रही है। 2020-21 से 2024-25 तक फसल बीमा योजना में 6.85 लाख किसानों को 965 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दी गई। उत्तराखंड के हवाई अड्डों को क्षेत्रीय संपर्क योजना से जोड़ा गया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। ग्रामीण क्षेत्रों को हर घर को नल से जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चल रहे केंद्र के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड में इस साल दिसंबर तक सभी घरों को नल से पेयजल उपलब्ध हो जाएगा।
उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री ने उन्हें यह जानकारी दी है। भट्ट ने संसद के मानसून सत्र में राज्य में जल जीवन मिशन की प्रगति से संबंधित प्रश्न पूछा था।
राज्यसभा सदस्य भट्ट के अनुसार केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री वी. सोमण्णा ने उन्हें अवगत कराया कि उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों की भागीदारी से जल जीवन मिशन क्रियान्वित हो रहा है। इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए नल से जल आपूर्ति करना है। जहां तक सवाल है उत्तराखंड का तो वहां अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत में, मात्र नौ प्रतिशत यानी 1.30 लाख ग्रामीण परिवारों के पास पेयजल कनेक्शन होने की सूचना थी।
उसके बाद 12.84 लाख और ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार 22 जुलाई तक उत्तराखंड के कुल 14.49 लाख ग्रामीण परिवारों में से 14.14 लाख से अधिक परिवारों को घरों में नल से जलापूर्ति हो रही है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य के शत प्रतिशत घरों में नल से जल का लक्ष्य वर्तमान वर्ष में दिसंबर माह तक पूरा कर लिया जाएगा।
भट्ट के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक फसल बीमा योजना के अंतर्गत 6.85 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। इन पांच वर्षों में फसल क्षतिपूर्ति के तौर पर 965 करोड़ रुपए दिए गए हैं। भट्ट के अनुसार केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने उनके प्रश्न के उत्तर में जानकारी दी कि उत्तराखंड में वर्तमान में संचालित हवाई अड्डों व हेलीपोर्ट को क्षेत्रीय संपर्क योजना से जोड़ा गया है।
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