Uttarakhand: जेलों में बंद कुख्यातों पर बढ़ाई निगरानी, निरीक्षकों को बांटे गैंग
उत्तराखंड एसटीएफ ने जेल में बंद कुख्यात अपराधी प्रवीण वाल्मीकि के तीन गुर्गों को गिरफ्तार करने के बाद सक्रिय गैंगों पर निगरानी बढ़ा दी है। एसटीएफ निरीक्षकों को अलग-अलग गैंगों की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। जेलों में बैठे कुख्यात अपनी सल्तनत चलाने के लिए लोगों को धमकाते रहते हैं। एसटीएफ गैंग के सदस्यों की जांच में जुट गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी व फिरौती जैसे संगीन अपराध में जेल में बंद कुख्यात अपराधी प्रवीण वाल्मीकि के तीन गुर्गे गिरफ्तार होने के बाद अब उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक्टिव गैंगों की निगरानी बढ़ा दी है।
एसटीएफ के निरीक्षकों को अलग-अलग गैंगों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुख्यातों से मिलने कौन-कौन आ रहा है, वह जेल में बैठकर फोन का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे व बाहर उनके गैंग के सदस्यों की एक्टिविटी की पूरी कुंडली तैयार कर रहे हैं।
जेलों में बैठे कुख्यात अपनी सल्तनत चलाने के लिए समय-समय पर लोगों को धमकी देते रहते हैं, ताकि समाज में उनका खौफ बना रहे। नवंबर 2021 में कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि के तीन शूटरों को गिरफ्तार किया था।
नरेंद्र वाल्मीकि ने जेल में बैठकर इन्हें रुड़की के दो व्यक्तियों की हत्या का काम सौंपा था। इसके अलावा जेलों से फोन का इस्तेमाल व गैंग के सदस्यों को दिशा निर्देश देने के मामले सामने आते रहे हैं। पूर्व में जेलकर्मियों की मिलीभुगत भी सामने आ चुकी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (कारागार) अभिनव कुमार की ओर से जेलकर्मियों के जेल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
एसटीएफ ने इन गैंगों पर बढ़ाई है निगरानी
मौजूदा समय में कुछ गैंग ऐसे हैं जोकि काफी एक्टिव हैं। इनमें सुनील राठी, नरेंद्र वाल्मीकि, प्रवीण वाल्मीकि, चीनू पंडित व कलीम अहमद गैंग शामिल हैं। गैंग के सदस्य जमीनों पर कब्जे, फिरौती, आपराधिक धमकी व रंगदारी मांगकर धन एकत्र करते हैं।
पीड़ित डर के मारे पुलिस के पास शिकायत लेकर नहीं आते। एसटीएफ गैंग के सदस्यों की जांच में जुट गई है। प्रवीण वाल्मीकि गैंग के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद उसकी संपत्ति की जांच भी कर रही है।
जेलों में बंद कुख्यातों की निगरानी के लिए निरीक्षकों को गैंग बांटे गए हैं। निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वह जेलों में बंद व उनके बाहर घूम रहे गुर्गों पर बारीकी नजर रखें। - नवनीत भुल्लर, एसएसपी एसटीएफ
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