उत्तराखंड STF का बड़ा एक्शन, कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गैंग के दो गुर्गे गिरफ्तार
उत्तराखंड एसटीएफ ने कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है । एसएसपी नवनीत भुल्लर के अनुसार प्रवीण वाल्मीकि जो पहले सुनील राठी गिरोह का सदस्य था जेल से ही हरिद्वार में रंगदारी और अवैध जमीन विक्रय जैसे अपराधों को अंजाम दे रहा था। जांच के बाद पुलिस ने मनीष बॉलर और पंकज अष्टवाल को गिरफ्तार किया।
जासं, देहरादून। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है। पिछले कुछ माह से गोपनीय सूचनाओं के साथ-2 अज्ञात व्यक्ति के नाम से प्रार्थना पत्र एसटीएफ को प्राप्त हुई थी कि प्रवीण वाल्मीकी जोकि पूर्व में कुख्यात सुनील राठी गैंग का सदस्य रह चुका है।
हरिद्वार में कई प्रकार के संगीन अपराधों जैसे हत्या, रंगदारी आदि को घटित कर चुका है। वह वर्तमान में सितारगंज जेल में रहते हुए भी अपने गुर्गों के माध्यम से हरिद्वार में पार्किंग के ठेके के अलावा लोगों को डरा धमकाकर उनकी बेशकीमती जमीनों को अवैध रुप से विक्रय कर रहा है।
सूचना पर एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक स्वपन किशोर सिंह, पुलिस उपाधीक्षक आरबी चमोला के नेतृत्व में जांच शुरु की गई तो तथ्यों की पुष्टि होने पर को निरीक्षक एनके भट्ट की ओर से थाना गंगनहर में कुख्यात गैंगस्टर प्रवीण वाल्मिकी उसका भतीजा मनीष बॉलर, पंकज अष्ठवाल सहित छह लोंगो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
बुधवार रात को एसटीएफ की टीम ने आरोपित मनीष बॉलर और पंकज अष्ठवाल निवासी ग्राम सुनेहरा थाना गंगनहर जनपद हरिद्वार को गिरफ्तार किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रुड़की क्षेत्र के ग्राम सुनेहरा के रहने वाले श्याम बिहारी की वर्ष 2014 में मृत्यु हो गई थी, जिसकी करोड़ों रुपए की बेशकीमती संपत्ति ग्राम सुनेहरा क्षेत्र में स्थित है। श्याम बिहारी की मृत्यु के पश्चात इस संपत्ति की देखभाल उसका छोटा भाई कृष्ण गोपाल कर रहा था।
वर्ष 2018 में प्रवीण वाल्मीकि गैंग ने इस संपत्ति को कब्जा करने की नियत से कृष्ण गोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके पश्चात इस संपत्ति की देखभाल श्याम बिहारी की पत्नी रेखा करने लगी।
प्रवीण वाल्मीकि ने रेखा को धमकाकर संपत्ति अपने नाम पर करने के लिए दबाव बनाया, लेकिन वह नहीं मानी तो उसके भाई सुभाष पर वर्ष 2019 में वाल्मीकि ने अपने भतीजे मनीष बॉलर व उसके साथियों के साथ गोली चलवाई। इस मामले में गंगनहर में मुकदमा दर्ज किया गया।
इन दोनों घटनाओं से रेखा का परिवार डर गया और वह रुड़की क्षेत्र छोड़कर कहीं अज्ञात स्थान पर छिप कर रहने लगे। इसके बाद रेखा व कृष्ण गोपाल की संपत्ति को प्रवीण वाल्मिकी व उसके सदस्यों ने फर्जी रेखा व कृषण गोपाल की पत्नी स्नेहलता बनाकर फर्जी पावर अटार्नी तैयार की गई तथा इन सम्पत्तियों को आगे बेचा गया।
इस काम में मनीष बालर का सहयोगी पंकज अष्टवाल था, जिसने रेखा की फर्जी पावर अटार्नी अपने नाम करवाकर करोंड़ो मूल्य की सम्पत्ति को खुर्द बुर्द कर आगे बेचा।
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