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    आनलाइन सामान खरीदने-बेचने के मामले में पाकिस्तान बार्डर से एक गिरफ्तार, चीन से भी जुड़े तार

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Mon, 17 Jan 2022 08:39 PM (IST)

    ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने पाकिस्तान बार्डर से लगते फरीदकोट से गिरफ्तार किया है। गिरोह के तार हांगकांग और कंबोडिया से जुड़े हैं। साइबर ठग ने दोनों जगह क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से करीब दो करोड़ रुपये भेजे हैं।

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    आनलाइन सामान खरीदने-बेचने के मामले में पाकिस्तान बार्डर से एक गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। शेयर मार्केट की तर्ज पर आनलाइन ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर हरिद्वार के व्यक्ति से 15 लाख की ठगी करने वाले साइबर ठग को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने पंजाब के फरीदकोट से गिरफ्तार किया है। साइबर ठग के तार हांगकांग व कंबोडिया से भी जुड़े हैं। जहां उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से करीब सवा दो करोड़ भेजे थे।

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    एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि सितंबर 2021 में सुभाषनगर ज्वालापुर, हरिद्वार निवासी अमित कुमार ने तहरीर दी। जिसमें कहा कि अज्ञात व्यक्ति ने आनलाइन ट्रेडिंग कंपनी जीएलसी प्राइवेट लिमिटेड की फर्जी साइट बनाकर वाइन, सोना और मसाले आनलाइन बेचकर तीन गुना मुनाफा कमाने के नाम पर 15 लाख रुपये ठग लिए हैं। इस मामले में चार सितंबर 2019 को अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। छानबीन में सामने आया कि कंबोडिया व हांगकांग के व्यक्तियों के साथ मिलकर फर्जी वेबसाइट बनाई गई। इसके बाद आनलाइन सोना, वाइन व मसाले खरीदने व बेचने का झांसा देकर आइसीआइसीआइ व एयू स्माल फाइनेंस बैंक आफ इंडिया में ग्लेक्सी वाइट कंपनी के नाम से खाते खुलवाकर ठगी की गई। मामले की जांच कर रहे पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा ने ठगी से हासिल की गई धनराशि जोकि यूनियन बैंक आफ इंडिया के खाते में प्राप्त की गई थी, के खाताधारक की जानकारी प्राप्त की। इसके आधार पर रोहित कुमार निवासी आदर्श नगर फरीदकोट, पंजाब को गिरफ्तार किया।

    वालेट के माध्यम से भेजते थे रुपये

    एसपी एसटीएफ स्वप्न किशोर ने बताया कि आरोपित अपने विदेशी साथियों के साथ आइसीआइसीआइ व एयू स्माल फाइनेंस बैंक आफ इंडिया में ग्लेक्सी वाइट कंपनी के नाम से खाता खुलवाकर फर्जी वेबसाइट तैयार करता था। वेबसाइट के माध्यम से आनलाइन सामान बेचने व खरीदने का लालच देकर ठगी करता था। इससे प्राप्त धनराशि में से कुछ रकम एटीएम से निकालते थे व कुछ धनराशि बाइनेंस वालेट के माध्यम से यूएस डालर करेंसी में जमा कराते थे। उन्होंने बताया कि आरोपित के खातों की जांच में यह भी सामने आया है कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से हांगकांग के एक व्यक्ति को 45 लाख और कंबोडिया के व्यक्ति के खाते में एक करोड़ 85 लाख भेजे हैं।

    शुरुआत में फायदा दिखाकर चंगुल में फंसाया

    एसपी ने बताया कि साइबर ठगों ने जब शुरुआत में अमित कुमार से ट्रेडिंग करवाई तो पहले पांच हजार रुपये की खरीद करने पर 11 हजार रुपये का फायदा दिखाया गया। इसके बाद अधिक रुपये कमाने के लिए अधिक धनराशि लगाने का लालच देते रहे। ऐसे में पीडि़त ने बैंक से लोन व पत्नी से रुपये मांगकर ट्रेडिंग में लगा दिए। 15 लाख लगाने के बाद जब और रुपये लगाने के लिए कहा गया और वह रुपये नहीं निकाल पाया तब पता लगा कि ठगी हो रही है।

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