Move to Jagran APP

उत्तराखंड में किशोरियों को जागरूक करने के लिए चाहिए पैडमैन

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड की 55.2 फीसद किशोरियां और युवतियां अभी भी माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 15 Feb 2018 02:11 PM (IST)Updated: Fri, 16 Feb 2018 11:42 AM (IST)
उत्तराखंड में किशोरियों को जागरूक करने के लिए चाहिए पैडमैन
उत्तराखंड में किशोरियों को जागरूक करने के लिए चाहिए पैडमैन

देहरादून, [नेहा सिंह]: उत्तराखंड की 55.2 फीसद किशोरियां और युवतियां अभी भी माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की ओर से 15 से 24 आयु वर्ग में किए गए सर्वे में यह हकीकत सामने आई है। अब आप इसे हिचक कहें अथवा जागरूकता का अभाव या वर्जनाओं की जंजीर, लेकिन यह वाकई हैरान करने वाला है कि उत्तराखंड में महिलाओं की साक्षरता दर 70.70 होने के बावजूद सेनेटरी पैड के इस्तेमाल करने वालों की तादाद महज 47 फीसद है।

loksabha election banner

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-4) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में 15-19 आयु वर्ग की किशोरियों में 55.9 फीसद कपड़े का इस्तेमाल कर रही हैं। जबकि, 20-24 आयु वर्ग की युवतियों में यह आंकड़ा 54.4 फीसद है। प्रदेश में सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने वाली किशोरियों और युवतियों की तादाद 47.6 फीसद है। 

शिक्षा और जागरूकता का अभाव 

सर्वे के दौरान पाया गया कि 12 या उससे अधिक वर्षों तक शिक्षा प्राप्त करने वाली युवतियां कभी स्कूल न जाने वाली युवतियों और किशोरियों से अधिक जागरूक हैं। कपड़े का इस्तेमाल करने वाली किशोरियों और युवतियों में 86.5 फीसद ऐसी हैं, जो कभी स्कूल ही नहीं गई। जबकि, 37.1 फीसद किशोरी और युवतियों ने अपनी बेसिक शिक्षा पूरी की है। 

आर्थिकी पर बोझ भी कारण

बाजार में आम सेनेटरी पैड 30-40 रुपये का आता है। इस कारण आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की महिलाएं पैड पर पैसे खर्च करने की बजाय कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। ग्रामीण क्षेत्र में इन युवतियों की संख्या अधिक होना भी इसी बात की ताकीद कर रहे हैं। आंकड़ों में देखे तो पता चलता है कि कपड़े का इस्तेमाल करने वाली युवतियों और किशोरियों में 63 फीसद ग्रामीण क्षेत्र से हैं। जबकि, शहरी क्षेत्र में यह आंकड़ा 40.5 फीसद है।

बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण राज्य मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि इसके पीछे हिचक बड़ा कारण है। सरकार इसे लेकर गंभीर है। जागररूकता को लेकर वृहद अभियान शुरू किया जा रहा है। इसे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में फोकस किया जाएगा।

सेनेटरी नेपकिन जागरूकता की शुरुआत 25 से

महिलाओं और किशोरियों को सेनेटरी नेपकिन के उपयोग के प्रति जागरूक करने के लिए राज्य सरकार गंभीरता से कदम उठाने जा रही है। इस कड़ी में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसकी शुरुआत 25 फरवरी को ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर से की जा रही है। यही नही, स्कूल-कॉलेजों के साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर भी नेपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी, जहां से महज तीन रुपये प्रति नेपकिन की दर से इसे क्रय किया जा सकेगा।

नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में राज्य को लेकर आए चौंकाने वाले आंकड़ों से सरकार भी अचंभित है। इसे देखते हुए राज्यभर में जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि महिलाएं अपनी सेहत और स्वच्छता को लेकर सजग रह सकें। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य के मुताबिक सरकार जागरूकता को लेकर गंभीर है।

राज्यमंत्री आर्य कहती हैं कि सेनेटरी नेपकिन को लेकर किशोरियों से महिलाओं तक में जागरूकता की कमी है। उन्होंने बताया कि जागरूकता कार्यक्रम के दौरान किशोरियों और महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन का उपयोग न करने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 25 फरवरी को रुद्रपुर से जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत वहां वेंडिंग मशीन लगाकर सेनेटरी नेपकिन मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि स्कूल-कॉलेजों में भी ऐसे कार्यक्रम होंगे, ताकि छात्राएं सजग हो सकें। यही नहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए भी किशोरियों को सेनेटरी नेपकिन देने की योजना है।

यह भी पढ़ें: 'पैडमैन' झिझक का पर्दा हटाने की एक कोशिश

यह भी पढ़ें: मुस्लिम परिवार ने पेश की इंसानियत की मिसाल, हिंदू रीति-रिवाजों से कराई यह शादी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.