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    उत्‍तराखंड के इस मंदिर में शिवलिंग के आकार बदलने का दावा, दर्शन मात्र को Sawan में लगता है भक्‍तों का तांता

    By Nirmala BohraEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Tue, 18 Jul 2023 03:48 PM (IST)

    Uttarakhand Shiva Temple देवभूमि उत्तराखंड अनेक मंदिरों तीर्थस्थलों ऋषि-मुनियों की तपोभूमि के रूप में अपनी विशेष पहचान रखता है। उत्‍तराखंड के गढ़वाल मंडल में केदारनाथ बाबा विराजमान हैं तो कुमाऊं मंडल में जागेश्‍वर धाम जैसा विश्‍व प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। मान्यता है कि यहां के शिवालय दर्शनमात्र से ही श्रद्धालुओं का कष्ट हरते हैं। क्षेत्रवासियों सहित बाहर के लोग भी यहां पहुंचते हैं।

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    Uttarakhand Shiva Temple: क्षेत्रवासियों सहित बाहर के लोग भी यहां पहुंचते हैं।

    टीम जागरण, देहरादून : Uttarakhand Shiva Temple: देवभूमि उत्‍तराखंड के कण-कण में भगवान शिव का वास है। देवभूमि उत्तराखंड अनेक मंदिरों, तीर्थस्थलों, ऋषि-मुनियों की तपोभूमि के रूप में अपनी विशेष पहचान रखता है। मान्यता है कि यहां के शिवालय दर्शनमात्र से ही श्रद्धालुओं का कष्ट हरते हैं।

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    उत्‍तराखंड के गढ़वाल मंडल में केदारनाथ बाबा विराजमान हैं तो कुमाऊं मंडल में जागेश्‍वर धाम जैसा विश्‍व प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। आज दैनिक जागरण आपको ऐसे ही एक शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहा है।

    धीरे-धीरे आकार बदल रहा शिवलिंग

    देहरादून जिले में चकराता छावनी बाजार में श्री चिंताहरण महादेव मंदिर स्थित है। ऐसी मान्‍यता है कि यहां दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं की चिंता दूर हो जाती है। इसके चलते क्षेत्रवासियों सहित बाहर के लोग भी यहां पहुंचते हैं। मंदिर के चारों ओर मनमोहक बांझ, बुरांस, चीड़ और देवदार के पेड़ हैं। मंदिर के पास जलकुंड भी स्थित है। इस कारण इसे बावड़ी मंदिर भी कहा जाता है।

    मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग है, जो आकार में अन्य शिवलिंग से काफी बड़ा है। मंदिर के बाबा सिद्धेश्वर गिरी महाराज बताते हैं कि मंदिर में विराजमान शिवलिंग स्वयंभू है। जब शिवलिंग प्रकट हुआ था तब यह आकार में इतना बड़ा नहीं था। उन्होंने दावा किया कि अब महादेव धीरे-धीरे अपना आकार बदल रहे हैं।

    क्‍यों पड़ा चिंताहरण महादेव नाम?

    बताते हैं कि मंदिर का नाम चिंताहरण महादेव इसलिए भी पड़ा, जो लोग काफी परेशानियों में थे, वे यहां आए और उन्‍हें हर चिंता का निवारण मिला। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में सच्चे दिल से जो कोई प्रार्थना करता है, महादेव उसकी चिंता दूर करते हैं। श्री चिंताहरण महादेव मंदिर के प्रति स्थानीय लोग व क्षेत्रवासियों की अटूट आस्था है। यहां पर शिवरात्रि के दिन सैकड़ों की संख्या में भक्तजन आते हैं।

    यह है मान्‍यता

    मान्यता यह भी है कि जो श्रद्धालु एक बार महादेव के दर्शन को आता है, वह फिर बार-बार आता रहता है, क्योंकि उसकी सारी चिंताएं महादेव के दर्शन मात्र से दूर हो जाती है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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