उत्तराखंड: रोडवेज ने लिया सबक, टिकट मशीन से हटाए सांसद-विधायक; अब ये हैं मुफ्त यात्रा की श्रेणी में
सांसद और विधायक कोटे की मुफ्त यात्रा के नाम पर हुए टिकट घपले के बाद अब रोडवेज मुख्यालय ने अपनी टिकट मशीन से सांसद विधायक और पूर्व विधायक की श्रेणी को हटा दिया है। मुफ्त यात्रा की श्रेणी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी हटा दिए गए हैं।
अंकुर अग्रवाल, देहरादून। सांसद और विधायक कोटे की मुफ्त यात्रा के नाम पर हुए टिकट घपले के बाद अब रोडवेज मुख्यालय ने अपनी टिकट मशीन से सांसद, विधायक और पूर्व विधायक की श्रेणी को हटा दिया है। मुफ्त यात्रा की श्रेणी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी हटा दिए गए हैं। टिकट मशीन में जनकल्याणकारी मुफ्त यात्रा की पहले 16 श्रेणी थीं, जिन्हें घटाकर अब नौ कर दिया गया है। कोरोना काल के दौरान हटाई गई छात्राओं की मुफ्त यात्रा की श्रेणी को फिर से मशीन में जोड़ लिया गया है। सभी परिचालक को आदेश दिए गए हैं कि मुफ्त यात्रा कर रहे यात्री के पहचान पत्र की संख्या टिकट मशीन में निर्धारित श्रेणी में दर्ज की जाए।
सांसद और विधायक रोडवेज की बस में अमूमन यात्रा नहीं करते। इसके बावजूद दो साल पहले इनकी यात्रा के नाम पर रोडवेज के रुड़की, देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी आदि डिपो ने लाखों रुपये के बिल बना दिए थे। मामले ने तूल पकड़ा और जांच हुई तो 35 परिचालक को बर्खास्त कर दिया गया था। कुछ मामलों में गलती टिकट मशीन की भी पाई गई थी। यह पता चला था कि प्रविष्टि दर्ज करने के दौरान परिचालकों से चूक हुई है।
रोडवेज ने इस घटनाक्रम से कुछ समय पहले ही मुफ्त यात्रा की श्रेणी के क्रमांक में बदलाव किया था। सांसद व विधायक की श्रेणी के क्रमांक भी बदल गए थे, मगर कईं परिचालक पुराने क्रमांक पर ही मुफ्त यात्रा की प्रविष्टि दर्ज कर गए थे, जो नए क्रमांक में तहत सांसद और विधायक श्रेणी के थे। वहीं, कुछ परिचालक ने पता होने के बाद भी बेटिकट यात्रा कराने के लिए मशीन में गलत प्रविष्टि दर्ज की थी।
इस घपले के बाद रोडवेज मुख्यालय ने टिकट सॉफ्वेयर में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी थी। इस साल बीच में कोरोना काल के चलते यह तैयारी ठप पड़ गई थी, लेकिन अब रोडवेज मुख्यालय ने अपने सॉफ्टवेयर और टिकट मशीन में बदलाव कर दिए हैं। इसमें ऐसी सभी श्रेणी हटा दी गई हैं, जिनमें यात्रा की संभावना नामुमकिन रहती है। इन श्रेणी के लिए नई व्यवस्था की गई है।
सांसद-विधायक के लिए नई व्यवस्था
रोडवेज में सांसद, विधायक और पूर्व विधायक को मुफ्त यात्रा का प्रावधान खत्म नहीं किया गया है। एक सहयात्री भी इनके साथ मुफ्त यात्रा कर सकता है, लेकिन शर्त है कि सांसद, विधायक, पूर्व विधायक खुद बस में मौजूद हों। नई व्यवस्था में यदि यह बस में यात्रा करने आते हैं तो टिकट-मशीन के बदले इनकी प्रविष्टि मार्ग-प्रपत्र में दर्ज की जाएगी।
15 अंक हो सकते हैं दर्ज
पहले टिकट मशीन में पहचान पत्र का अधिकतम नौ अंक का नंबर ही दर्ज किया जा सकता था, जबकि आधार कार्ड में 12 अंक होते हैं। कईं अन्य पहचान पत्र आधार कार्ड जैसे होते हैं, जिनमें अंक की संख्या ज्यादा होती है। नए बदलाव के बाद टिकट मशीन में पहचान पत्र के 15 अंक दर्ज हो सकते हैं।
बदलाव के बाद टिकट मशीन में मुफ्त यात्रा की श्रेणी
1: छात्राएं
2: सौ फीसद दिव्यांग व एक सहवर्ती
3: अन्य दिव्यांग
4: मान्यता प्राप्त जिला स्तरीय पत्रकार
5: मान्यता प्राप्त प्रदेश स्तरीय पत्रकार
6: वरिष्ठ नागरिक
7: मासिक पास
8: राज्य आंदोलनकारी
9: राज्य आंदोलनकारी की विधवा
ये श्रेणी हटाई गईं
सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, सांसद के एक सहयात्री, विधायक के एक सहयात्री, पूर्व विधायक के एक सहयात्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी।
रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि अमूमन सांसद, विधायक या फिर पूर्व विधायक बस में यात्रा नहीं करते। इसलिए टिकट मशीन में दर्ज मुफ्त यात्रा की श्रेणी से इनकी श्रेणी हटा दी गई है। यदि यह यात्रा करेंगे तो उसी समय मार्ग-प्रपत्र में प्रविष्टि दर्ज कर दी जाएगी।
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