Updated: Fri, 03 Oct 2025 07:37 AM (IST)
उत्तराखंड में सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद में वृद्धि हुई है जबकि गेहूं की कमी बनी हुई है। राज्य सरकार ने धान खरीद नीति 2025-26 जारी की है जिसके तहत पिछले वर्ष 6.73 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। गेहूं की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से सहायता ली जा रही है और खरीद बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अश्वनी त्रिपाठी, देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी क्रय केंद्रों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद में धान और गेहूं के बीच फासला साल दर साल बढ़ता जा रहा है। सरकारी गोदामों में हर साल धान के ढेर लग रहे हैं। राज्य में खपत के बाद सरकारी खरीद से प्राप्त एक तिहाई चावल केंद्र को भेजा जा रहा है, जबकि गेहूं राज्य की जरूरतों को ही पूरा नहीं कर पा रहा है।
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उत्तराखंड की आवश्यकता के सापेक्ष महज दो प्रतिशत गेहूं सरकारी खरीद में मिल रहा है। सरकारी योजनाओं में वितरण के लिए शेष 98 प्रतिशत गेहूं केंद्र से राज्य को लेना पड़ रहा है। उत्तराखंड सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीद नीति जारी कर दी है।
धान को लेकर राज्य सरकार पुन: उत्साहित है। वर्ष 2024-25 में 6.73 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। राज्य में 3.40 लाख मीट्रिक टन चावल की खपत के बाद 1.1 लाख मीट्रिक टन चावल केंद्र को भेजा गया था। वहीं गेहूं में स्थिति विपरीत रही।
राज्य में सरकारी योजनाओं के तहत वितरण के लिए कुल 1,52,553 मीट्रिक टन गेहूं की जरूरत होती है, जबकि गत वर्ष राज्य में सरकारी खरीद से सिर्फ 3100 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई, जो कुल आवश्यकता का करीब दो प्रतिशत है।
गेहूं खरीद कम क्यों..
- बाजार में ऊंची कीमत
- भुगतान में देरी
- केंद्रों की पहुंच में कमी
- व्यापारियों से प्रतिस्पर्धा
- भंडारण की चुनौतियां
- किसान के खेत से खरीद
गत वर्ष की खरीद
- गेहूं- 3100 मीट्रिक टन
- धान-6.73 लाख मीट्रिक टन
ऐसे बढ़ सकती खरीद
- खरीद केंद्रों में 48-72 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित करें।
- मोबाइल खरीद-यूनिट-ट्रक जो ग्रामों में जाकर गेहूं खरीद लें।
- मंडी-क्रय-केंद्रों पर पारदर्शी तौल व क्विक-पेमेंट काउंटर लगाना।
इन योजनाओं में बंटता सरकारी खरीद का अनाज
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून- सार्वजनिक वितरण प्रणाली
मिड-डे मील योजना - प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
राज्य में क्रय केंद्रों पर धान की खरीद के लिए नई नीति जारी कर दी गई है, धान की खरीद हर साल बेहतर होती है। गेहूं की खरीद को बढ़ाने के लिए प्रयास चल रहे हैं। अब गेहूं की खरीद के मौसम में इसे लागू किया जाएगा।
- पीएस पांगती, अपर आयुक्त, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग
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