Rajat Jayanti Uttarakhand: बजट आकार 22 गुना से अधिक बढ़ा, अर्थव्यवस्था दोगुना होने की उम्मीद
उत्तराखंड सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। आय के संसाधन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिससे विकास कार्यों के लिए धन की उपलब्धता बढ़ी है। सरकार का लक्ष्य है कि आर्थिक विकास के साथ-साथ समावेशी विकास भी हो और प्रत्येक व्यक्ति को इसका लाभ मिले। बजट में वृद्धि से अर्थव्यवस्था के दोगुना होने की उम्मीद है।

उत्तराखंड राज्य ने स्थापना के 25 वर्ष की अवधि में आर्थिकी में लगाई लंबी छलांग। प्रतीकात्मक
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष की यात्रा में आर्थिकी में लंबी छलांग लगाई है। 25 वर्ष पूरे करने पर अर्थव्यवस्था का आकार भी 25 गुना बढ़ने जा रहा है। आम जन की आर्थिक सेहत भी सुधरी है। आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि प्रति व्यक्त आय में भी 17 गुना से अधिक वृद्धि हुई है।
आर्थिक स्थिति में सुधार की इस गाथा के पीछे अब राज्य के आय संसाधनों को बढ़ाने की इच्छाशक्ति का प्रभाव रंग ला रहा है। राज्य गठन के बाद स्वयं के संसाधनों से कर संग्रह का ग्राफ तेजी से चढ़ा है। पड़ोसी हिमाचल समेत कई प्रदेशों की माली हालत जब खराब हो, ऐसे में उत्तराखंड ने अपने समक्ष चुनौतियों से निपटने का हौसला दिखाया है। विशेष यह भी है कि ढाई दशक की इस अवधि में बजट आकार में भी 22 गुना से अधिक वृद्धि हुई है।
राज्य की आर्थिकी की वर्तमान स्थिति आने वाले सुखद भविष्य की उम्मीद बंधा रही है। 25 वर्षों की विकास यात्रा में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर राज्य ने अपना लोहा मनवाया। अर्थव्यवस्था का आकार 24 वर्षों में लगभग 24 गुना बढ़ा, जबकि 25 वर्ष पूरे होने के बाद यह आकार 25 गुना तक पहुंचने के संकेत हैं। प्रति व्यक्ति आय 17 गुना से अधिक बढ़ी है। उत्तराखंड राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में अर्थव्यवस्था का आकार 14,501 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 3,32,990 करोड़ रुपये हो गया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 3.78 करोड़ पहुंंच रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह और बढ़ जाएगी। पर्यटन विशेष रूप से सेवा क्षेत्र का इसमें बड़ा योगदान है। आर्थिकी में सेकेंडरी सेक्टर का योगदान 46 प्रतिशत और सर्विस सेक्टर का योगदान 43 प्रतिशत से अधिक है। प्राइमरी सेक्टर की भागीदारी नौ प्रतिशत से अधिक है।
प्रति व्यक्ति आय में 18 गुना वृद्धि
पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2022 में अर्थव्यवस्था को पांच वर्ष के भीतर दोगुना करने का लक्ष्य लिया। वर्ष 2027-28 तक राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना यानी 5.50 लाख करोड़ तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। आर्थिकी के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में आम व्यक्ति की आमदनी भी बढ़ी है। प्रति व्यक्ति आय लगभग 18 गुना बढ़ी है। वर्ष 2000 में प्रति व्यक्ति आय 15,285 रुपये थी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह प्रति व्यक्ति 2,74,064 रुपये होने का अनुमान है।
राज्य का बजट आकार बढ़ गया 22 गुना
राज्य में बजट आकार में 22 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में उत्तराखंड का बजट लगभग 4500 करोड़ रुपये था। जबकि वर्ष 2025-26 में 1,01,175.33 करोड़ रुपये पहुंच गया है। राज्य के कर संग्रह में लगातार वृद्धि हो रही है। नौ नवंबर, 2000 को अलग उत्तराखंड राज्य बनने पर वर्ष 2000-2001 में कर संग्रह 233 करोड़ रुपये था। बजट अनुमान के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में यह लगभग 25 हजार करोड़ रुपये तक हो जाएगा।
- वर्ष, राज्य सकल घरेलू उत्पाद (करोड़ रुपये)
- 2000-01, 14,501
- 2001-02, 15,825
- 2002-03, 18,473
- 2003-04, 20,438
- 2004-05, 24,786
- 2005-06, 29,968
- 2006-07, 36,795
- 2007-08, 45,856
- 2008-09, 56,025
- 2009-10, 70,730
- 2010-11, 83,969
- 2011-12, 1,15,328
- 2012-13, 1,31,612
- 2013-14, 1,49,074
- 2014-15, 1,61,439
- 2015-16, 1,77,163
- 2016-17, 1,95,125
- 2017-18, 2,22,836
- 2018-19, 2,45,895
- 2019-20, 2,53,666
- 2020-21, 2,34,660
- 2021-22, 2,65488
- 2022-23, 3,03,000
- 2023-24, 3,32,990
- 2024-25, 3,78,240 (अनुमानित)
ये हैं चुनौतियां
-बजट आकार की तुलना में खर्च में कमी
-विभागों को बजट आवंटन में विलंब
-बजट खर्च का हो लगातार अनुश्रवण
-प्राइमरी सेक्टर की अर्थव्यवस्था में बढ़ानी होगी भागीदारी
-आर्थिक व सामाजिक विकास में पिछड़ रहे दुर्गम व ग्रामीण क्षेत्र
‘प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। आय संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इससे विकास कार्यों की धन की उपलब्धता बढ़ी है। हर क्षेत्र पर ध्यान दिया जा रहा है, ताकि आर्थिक सेहत अच्छी होने के साथ समावेशी विकास हो। प्रत्येक व्यक्ति को इसका लाभ मिलना चाहिए।’
- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

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