देहरादून में लगे JNU वाले 'हमें चाहिए आजादी के नारे', खुफिया एजेंसियों के हाथ-पैर फूले
उत्तराखंड में यूकेएसएसएसी परीक्षा पेपर लीक मामले के बाद बेरोजगार संघ के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। देहरादून के परेड ग्राउंड में चल रहे धरने में हमें चाहिए आज़ादी जैसे नारे लगने की खबर से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी नकल माफिया पर कार्रवाई की बात कह चुके हैं।

जासं, देहरादून। यूकेएसएससी की परीक्षा में नकल के विराेध को लेकर परेड ग्राउंड के बाहर चल रहा बेरोजगार संघ का प्रदर्शन धीरे-धीरे दूसरा रुख अख्तियार करता दिख रहा है। बुधवार देर रात धरनास्थल का माहौल उस समय अचानक बदल गया जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने 'हमें चाहिए आजादी' के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके अलावा कुछ लोगों ने उत्तराखंड को नेपाल बनाने की साजिश रचने और भगवा चोला पहनाने के विरोध भी नारेबाजी की।
यही नहीं, बेरोजगार संघ के धरना-प्रदर्शन में कांग्रेस के नेताओं समेत कुछ वामपंथी दलों के लोग भी समर्थन देने पहुंचे। गृह विभाग ने पुलिस और खुफिया तंत्र से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है।पुलिस के अनुसार इंटरनेट मीडिया पर जो वीडियो प्रसारित हो रहा है, उसमें टिहरी से हाल ही में निर्दलीय रूप में जिला पंचायत सदस्य चुनी गई पुष्पा रावत राज्य सरकार के विरुद्ध 'हमें चाहिए आजादी' के नारे लगाती हुई दिख रही हैं।
बेरोजगार संघ के कार्यकर्ता भी पुष्पा के नारों के समर्थन में नारे लगाते दिख रहे हैं। हमें चाहिए आजादी के नारों से दिल्ली के जेएनयू में हुए घटनाक्रम की याद ताजा हो गई। वर्ष 2019 में जेएनयू में इसी तरह की गतिविधियों के चलते विरोध शुरू हो गया था, जिसके बाद पुलिस को कुछ छात्रों पर राष्ट्रविरोधी कार्रवाई भी करनी पड़ी थी।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के स्नातक स्तरीय पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर लेकर परेड ग्राउंड के बाहर रविवार शाम से डटे बेरोजगार संघ के कार्यकर्ताओं के धरना-प्रदर्शन के बीच हमें चाहिए आजादी के नारे लगने का वीडियो गुरुवार को इंटरनेट मीडिया पर जमकर प्रसारित हुआ।
वीडियो को खुफिया तंत्र ने गंभीरता से लेते हुए गृह विभाग को भेजी है। वहीं, बेरोजगार संघ के कार्यकर्ताओं का धरना गुरुवार को भी जारी रहा। वह पेपर निरस्त करने और प्रकरण की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं।
एक ही 'छत' के नीचे बेरोजगार संघ व स्वाभिमान मोर्चा
बेरोजगार संघ के धरना-प्रदर्शन में यह दावा किया जा रहा कि इसे उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने भी समर्थन दे दिया है, लेकिन हकीकत यह है कि यह दोनों ही संगठन एक ही 'छत' के नीचे चल रहे हैं। दरअसल, वर्ष 2022 में प्रतियोगी परीक्षाओं में जब नकल के मामलों को लेकर युवाओं ने प्रदर्शन किया तो इसी दौरान ही बाबी पंवार ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ का गठन किया।
बेरोजगार संघ के अध्यक्ष के तौर पर बाबी पंवार सरकार के विरुद्ध लगातार धरना-प्रदर्शन करता रहा। इसके बाद मई-2025 में बाबी पंवार ने नाटकीय घटनाक्रम में बेरोजगार संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर अपने करीबी राम कंडवाल को बेरोजगार संघ का अध्यक्ष बना दिया। इसी बीच बाबी ने उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के नाम से एक और संगठन बनाया, जिसका अध्यक्ष वही है।
पुलिस के पास कुछ वीडियो आए हैं। इसका वैधानिक परीक्षण किया जा रहा है। निर्देशित किया गया है कि इस पर यथोचित कार्रवाई की जाएगी। - शैलेश बगोली, सचिव गृह
इस तरह का वीडियो संज्ञान में आया है। हालांकि, वीडियो में इस बात का जिक्र नहीं कि वह किस तरह की आजादी के नारे लगा रहे हैं। वीडियो का परीक्षण किया जा रहा है। - अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
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