उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मियों को पांच माह से नहीं मिला वेतन, एक महीने का जुगाड़ भी मुश्किल
परिवहन निगम कर्मियों को जुलाई से अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है। निगम की माली हालत अभी ऐसी नहीं कि वह निगम कर्मचारियों के एक माह के वेतन का भी इंतजाम कर सके। कर्मचारियों का वेतन कहां से दिया जाए इसके लिए निगम पसोपेश में पड़ा हुआ है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। परिवहन निगम कर्मियों को जुलाई से अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है। निगम की माली हालत अभी ऐसी नहीं कि वह निगम कर्मचारियों के एक माह के वेतन का भी इंतजाम कर सके। कर्मचारियों का वेतन कहां से दिया जाए, इसके लिए निगम पसोपेश में पड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि अब जुलाई के वेतन के लिए निगम एक बार फिर सरकार से गुहार लगाएगा।
परिवहन निगम राज्य गठन के बाद से ही अब तक घाटे से पूरी तरह नहीं उबर पाया है। बीत सालों में हालात कुछ ठीक हुए थे। ऐसे में निगम धीरे-धीरे मजबूत हो रहा था। वहीं इस वर्ष कोरोना के कारण देशभर में लागू हुए लॉकडाउन ने निगम की आर्थिक स्थिति को बुरी तरह डगमगा दिया। लॉकडाउन में सभी गतिविधियां बंद होने के कारण निगम की बसों का संचालन नहीं हो पाया। अब स्थिति यह है कि निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसा नहीं है। सरकार से अपने पुराने देयकों का हवाला देते हुए निगम ने किसी तरह इस अवधि में तकरीबन 40 करोड़ रुपये वापस लिए।
इससे निगम कर्मियों के मई और जून महीने का वेतन ही मिल पाया है। दरअसल, परिवहन निगम को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए प्रतिमाह 20 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। निगम यह धनराशि तब कमा पाता है, जब उसकी प्रतिदिन की आय पौने दो करोड़ के आसपास हो। कोरोना काल से पहले निगम इस आंकड़े को छू भी रहा था। इसके बाद तकरीबन तीन माह बसों का संचालन ठप रहा। अब निगम की बसों का संचालन शुरू हुआ है तो अभी पूरी सवारियां नहीं मिल पा रही हैं। वर्तमान में निगम की आय प्रतिदिन 1.30 करोड़ रुपये है। यानी प्रतिमाह 39 करोड़ रुपये। इस आय से तकरीबन 35 करोड़ रुपये डीजल के खर्च, वाहनों के रखरखाव व बसों की खरीद के लिए लिए गए ऋण की किस्तों पर चले जाते हैं।
शेष बचे चार करोड़ रुपये से निगम कर्मियों का वेतन पूरा नहीं निकलता है। ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर निगम इसके लिए सरकार का ही दरवाजा खटखटाएगा। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन का कहना है कि अभी निगम की आय इतनी नहीं है कि कर्मचारियों को वेतन निकल सके। निकट भविष्य में परिस्थिति सामान्य होने पर निगम की स्थिति अच्छी हो सकती है। अभी वेतन के संबंध में उच्चाधिकारियों से चर्चा की जा रही है।
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