Uttarakhand Paper Leak: वन आरक्षी पेपर लीक षड्यंत्र में कुछ और नाम भी, अभ्यर्थियों को भेजे जा रहे नोटिस
Uttarakhand Paper Leak नकल माफिया कोचिंग सेंटर संचालक मुकेश सैनी व रचित पुंडीर के खिलाफ नए नकलरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज। आरोपितों को रुड़की स्थित ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Paper Leak: वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कराने का षड्यंत्र रचने वाले नकल माफिया मुकेश सैनी व रचित पुंडीर के साथ कुछ और लोग भी शामिल थे। उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ की पूछताछ में ये नाम सामने आए हैं। पुलिस इनके बारे में जानकारी जुटा रही है, जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। वहीं, आरोपित मुकेश सैनी ने जिन 15 अभ्यर्थियों से नकल करवाने का सौदा किया था, एसटीएफ उन्हें भी तलाश रही है।
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार, केस में पूरी पड़ताल के बाद अभ्यर्थियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। यह देखा जाएगा कि प्रकरण में उनकी कितनी भूमिका है। फिलहाल बिना पुख्ता साक्ष्य के किसी को परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। जिन 15 अभ्यर्थियों का नाम सामने आ रहा है, यदि उन्होंने परीक्षा दी है तो उनके खिलाफ बाद में कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर नकल का षड्यंत्र रचने के इस मुकदमे की जांच एसटीएफ एएसपी चंद्रमोहन सिंह को सौंपी गई है। ऐसा नए नकलरोधी कानून में प्रविधान के तहत किया गया है। नकलरोधी कानून के तहत दर्ज किए गए मुकदमे की विवेचना एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी ही कर सकते हैं। उधर, रविवार को दोनों गिरफ्तार आरोपितों को रुड़की स्थित अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें एक दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी रिमांड में जेल भेज दिया गया है।
एसटीएफ ने शनिवार को की थी गिरफ्तारी
एसटीएफ ने बीते शनिवार को हरिद्वार के गुरुकुल नारसन के एमएस कोचिंग सेंटर में दबिश देकर संचालक मुकेश सैनी निवासी हरचंदपुर और रचित पुंडीर निवासी खंजरपुर, रुड़की को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के खिलाफ मंगलौर थाने में नए नकलरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपितों की ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से अभ्यर्थियों को नकल कराने की योजना थी। इन ब्लूटूथ डिवाइस को कपड़ों में सिलवाया जाना था। इस मामले में तीन अभ्यर्थियों के नाम भी सामने आए थे, जिन्होंने अलग-अलग केंद्रों पर परीक्षा देनी थी।
अभ्यर्थियों को भेजे जा रहे हैं नोटिस
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि मामले में अभी अन्य अभ्यर्थियों के नाम भी सामने आने हैं। जिन तीन अभ्यर्थियों के नाम सामने आए हैं, पूछताछ के लिए उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। अभी तक अभ्यर्थियों की संख्या 15 ही पता चल रही है। संख्या ज्यादा है या नहीं, इस बारे में भी अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। पूछताछ के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। सभी अभ्यर्थियों को भी केस में आरोपित बनाया जाएगा।
आरोपितों से नकदी व आठ ब्लूटूथ डिवाइस बरामद
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दो आरोपितों से ब्लूटूथ डिवाइस व एक लाख, 20 हजार रुपये बरामद हुए हैं। एमएस कोचिंग सेंटर के संचालक मुकेश सैनी ने कुछ अभ्यर्थियों से रुपये लेकर आगे दे दिए। ये रुपये किसे दिए गए, उसकी जानकारी जुटाई जा रही है। एसटीएफ निरीक्षक प्रदीप राणा ने बताया कि जब वह कार्रवाई कर रहे थे, तभी वहां पर प्रदीप और अभिषेक निवासी नसीरपुर, अंकुल निवासी रायसी, लक्सर भी पहुंचे और उन्होंने बताया कि उनसे एडवांस पैसे लेकर उन्हें ब्लूटूथ उपलब्ध कराया गया था। एसटीएफ के अनुसार, 15 अभ्यार्थियों को नकल कराने के नाम पर एडवांस पैसा लिया गया था।
दिल्ली से मंगवाए गए थे माइक्रो फोन व ब्लूटूथ डिवाइस
एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि नकल माफिया ने पेपर लीक व नकल करवाने की पूरी साजिश रच ली थी। आरोपितों ने नकल करवाने के लिए दिल्ली से माइक्रो फोन व ब्लूटूथ डिवाइस मंगवाए थे। यह माइक्रोफोन कपड़े के अंदर छिपाकर परीक्षा केंद्र तक ले जाए जाने थे। इसके अलावा सुनने के लिए माइक्रो ब्लूटूथ मंगवाया था, जो कि कान के अंदर फिट होना था। यह माइक्रो ब्लूटूथ इतना छोटा है कि आसानी से दिख नहीं सकता। इसके अलावा परीक्षा केंद्रों में जिनकी ड्यूटी लगनी थी, उन्हें भी तैयार कर लिया था। घटना से पहले ही एसटीएफ ने मामले का पर्दाफाश कर दिया।

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