Uttarakhand Panchayat Chunav: दोहरी मतदाता सूची पर विवाद, चुनाव चिह्न आवंटन स्थगित
उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए चुनाव चिह्न आवंटन की प्रक्रिया को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया है। यह निर्णय हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद लिया गया है जिसमें दो मतदाता सूची वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है। भाजपा ने कांग्रेस पर इस मुद्दे पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए सोमवार को होने वाली चुनाव चिह्न आवंटन की प्रक्रिया दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने रुद्रप्रयाग निवासी सतेंद्र सिंह बर्थवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दो मतदाता सूची वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि पंचायत राज अधिनियम की धारा 9 की उपधारा 6 में साफ उल्लेख है कि एक व्यक्ति एक से अधिक मतदाता सूची में शामिल व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता।
आयोग ने नियम विरुद्ध जाकर सर्कुलर जारी कर ऐसे प्रत्याशियों के नामांकन पत्र स्वीकार कर लिए। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रिटर्निंग अधिकारियों ने दो मतदाता सूची में नाम वाले प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों के मामले में अलग अलग मत दिए हैं।
कहीं नामांकन खारिज कर दिए तो कहीं स्वीकार किये गए। आयोग की ओर से प्रार्थना पत्र में दो मतदाता सूची वाले प्रत्याशियों के चुनाव पर रोक हटाने अथवा इस चुनाव प्रक्रिया को कोर्ट के निर्णय से छूट दिलाने की प्रार्थना की है।
मतदाता सूची में दोहरे पंजीयन पर कांग्रेस के बयान दुर्भावनापूर्ण: खजान दास
देहरादून। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं राजपुर रोड सीट से विधायक खजान दास ने मतदाता सूची में दोहरे पंजीयन को लेकर कांग्रेस के आरोपों को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग पहले भी निष्पक्ष पंचायत चुनाव की बाध्यता जता चुका है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्देश का सम्मान करना सबके लिए बाध्यकारी है और करना भी चाहिए, लेकिन कांग्रेस की मंशा में खोट है। कांग्रेस इस मामले पर जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेता खजान दास ने कहा कि कांग्रेस की अति उत्साही बयानबाजी हार की आशंका से ग्रसित है।
उन्होंने हाईकोर्ट में प्रत्याशियों के नाम दो जगह मतदाता सूची में शामिल होने को पूरी तरह संवैधानिक मसला बताया। उन्होंने कहा कि न्यायालय द्वारा इस प्रकरण में जो भी जानकारी मांगी गई है, उस पर राज्य निर्वाचन आयोग अपना पक्ष रखेगा। लेकिन, सरकार का हस्तक्षेप जैसी बात कांग्रेस की खीज है।
कांग्रेस नेताओं की इस पूरे मामले में राजनीतिक बयानबाजी गैर जरूरी है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस पार्टी पंचायत चुनाव में भी बुरी तरह से हारने जा रही है। इसीलिए वह नए नए विवादों को खड़ा कर या झूठ बोलकर, चुनाव प्रक्रिया को बाधित करना चाहती है।
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