Updated: Thu, 03 Jul 2025 03:52 PM (IST)
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में महेंद्र भट्ट का दूसरा कार्यकाल पंचायत चुनावों से शुरू हो रहा है। हरिद्वार को छोड़कर 12 जिला पंचायतों पर नियंत्रण पाने की चुनौती है। भाजपा ग्राम प्रधानों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस भी चुनावों में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है। महेंद्र भट्ट ने पंचायत चुनाव में प्रचंड जीत का दावा किया है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान दूसरी बार संभालने के बाद महेंद्र भट्ट की पहली परीक्षा पंचायत चुनाव के रूप में होने जा रही है। त्रिस्तरीय पंचायतों में सबसे महत्वपूर्ण जिला पंचायत सदस्यों की 358 सीट पर होने वाले चुनाव से यह तय होगा कि हरिद्वार को छोड़कर 12 जिला पंचायतों पर किस दल का कब्जा होगा।
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प्रदेश संगठन ने इस बार ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य की सीट पर भी भाजपा के प्रतिनिधियों को बढ़ाने की ठानी है। ऐसे में यह चुनाव महेंद्र भट्ट के सांगठनिक कौशल की दृष्टि से एक बार फिर महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है।
उत्तराखंड भाजपा में महेंद्र भट्ट ऐसे पहले नेता हैं, जिनकी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर दोबारा ताजपोशी हुई है। अपने पहले कार्यकाल में भट्ट के खाते में वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ ही विगत जनवरी माह में हुए नगर निकाय चुनाव की बड़ी जीत दर्ज है।
इससे पहले एकमात्र हरिद्वार जिले में हुए पंचायत चुनाव में भी भाजपा को सफलता मिली थी। इस चुनाव में पार्टी ने ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के पदों पर अपने प्रतिनिधि उतारे थे। यद्यपि, इन्हें पार्टी के सिंबल पर नहीं, बल्कि समर्थित प्रत्याशी के रूप में उतारा गया था। पार्टी का यह प्रयोग हरिद्वार में सफल रहा है।
इससे उत्साहित होकर पार्टी इसे शेष 12 जिलों में हो रहे पंचायत चुनाव में भी आजमाने जा रही है। प्रदेश भाजपा के लगातार दूसरी बार अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी हाईकमान से लेकर आम कार्यकर्ता की उनसे अपेक्षाएं बढ़ी हैं। प्रदेश में जिला पंचायत सदस्यों के पद पर भाजपा पूरी ताकत से चुनाव लड़ने जा रही है। इससे तय होगा कि 12 जिला पंचायतों में अध्यक्ष किस दल के होंगे।
पार्टी नगर निकाय चुनाव की भांति पंचायत में भी बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास कर रही है। त्रिस्तरीय पंचायतों में कुल 64418 पदों पर चुनाव हो रहे हैं। इनमें ग्राम प्रधानों के 7449, ग्राम पंचायत सदस्यों के 55,587 एवं क्षेत्र पंचायत सदस्यों के 2974 पदों के लिए प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगे।
ग्राम प्रधानों एवं क्षेत्र पंचायतों में अपने प्रतिनिधियों को बढ़ाने के भाजपा के प्रयासों को कहां तक सफलता मिली है, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें भी लगी हैं। इसके बहाने सत्तारूढ़ दल ग्रामीण मतदाताओं पर अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में है। इसी कारण पंचायत चुनाव को महेंद्र भट्ट के लिए परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। उनके दूसरी बार अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस हमलावर है।
विशेष रूप से ग्राम पंचायतों एवं क्षेत्र पंचायतों में प्रभाव बढ़ाने की भाजपा की कोशिशों को देखते हुए मुख्य विपक्षी दल ने भी इसकी काट के लिए तैयारी प्रारंभ कर दी है। भाजपा पर्यवेक्षकों ने संगठन को सौंपे पैनल कांग्रेस को नगर निकाय चुनाव में अपेक्षित सफलता भले ही नहीं मिली, लेकिन नगरों के ऐसे निकाय जो ग्रामीण क्षेत्रों के समीप हैं, वहां कांग्रेस ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया। महेंद्र भट्ट को इस चुनौती से भी निपटना होगा।
नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का दावा है कि पंचायत चुनाव में भाजपा प्रचंड जीत दर्ज करेगी। उधर, भाजपा की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षकों ने 12 जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत जिला पंचायत सदस्यों के लिए दावेदारों के पैनल पार्टी को उपलब्ध करा दिए हैं।
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