Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand Panchayat Chunav: पहाड़ के मतदाताओं ने परिवारवाद को दिखाया आईना, दिग्गजों को झटका

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 07:34 AM (IST)

    उत्तराखंड पंचायत चुनाव में मतदाताओं ने परिवारवाद को नकारते हुए कई दिग्गज नेताओं के परिजनों को हार का स्वाद चखाया। लैंसडौन से भाजपा विधायक दिलीप रावत की पत्नी नैनीताल से भाजपा विधायक सरिता आर्य के पुत्र और कई अन्य नेताओं के परिजन चुनाव हार गए। मतदाताओं ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि क्षेत्र के विकास और कल्याण के लिए वे अब परिवारवाद को प्राथमिकता नहीं देंगे।

    Hero Image
    मतदाताओं के लिए प्राथमिकता नहीं है परिवार का समर्थन। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। पंचायत चुनाव में प्रदेश के मतदाताओं विशेष रूप से पहाड़ के मतदाताओं ने परिवारवाद को आईना दिखा दिया।

    मतदाताओं ने अपना निर्णय देते समय यह ध्यान रखा कि क्षेत्र के विकास और कल्याण के लिए वर्षों से राजनीति में एक ही परिवार का वर्चस्व बनाए रखना उनकी प्राथमिकता नहीं रह गया है। चुनाव में अपने स्वजन को आगे बढ़ाकर परिवार को ही आगे बढ़ाने के पक्षधर नेताओं के लिए ये चुनाव परिणाम नसीहत से कम नहीं हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश की राजनीति में कई परिवारों का वर्षों से वर्चस्व है। इस वर्चस्व के आधार पर जन सेवा का दावा करने वाले नेताओं की बड़ी संख्या को जनादेश ने चाैंका दिया। कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो पर्वतीय क्षेत्र में मतदाताओं ने विशेष रूप से परिवारवाद को निशाने पर लिया है।

    लैंसडौन से भाजपा विधायक दिलीप रावत अपने क्षेत्र से लगातार तीसरी बार विधायक हैं। उनकी पत्नी नीतू रावत पौड़ी जिले से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भाजपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में लड़ीं। उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। चुनाव जीतने पर विधायक की पत्नी होने के कारण जिला पंचायत अध्यक्ष पद के स्वाभाविक दावेदारों में उन्हें माना जाता।

    इसी प्रकार नैनीताल से भाजपा विधायक सरिता आर्य के पुत्र रोहिता आर्य ने भी जिला पंचायत सदस्य पद के लिए दावेदारी प्रस्तुत की। इसी प्रकार भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रमोद तोलिया की पत्नी व नैनीताल जिला पंचायत के निवर्तमान अध्यक्ष बेला तोलिया जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ीं। इन दोनों को ही चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।

    इसी प्रकार लोहाघाट से भाजपा के पूर्व विधायक पूरण फर्त्याल ने अपनी पुत्री सुष्मिता को चुनाव लड़ाने के लिए बागी तेवर अपनाए। सुष्मिता यह चुनाव नहीं जीत पाईं। अल्मोड़ा जिले से सल्ट विधायक महेश जीना ने अपने पुत्र करन जीना को क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाया। करन ये चुनाव हार गए।

    इसी प्रकार भाजपा विधायक राम सिंह कैड़ा भी अपने भाई की पत्नी मुन्नी कैड़ा को क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर जीत नहीं दिला सके।

    यद्यपि, अपवाद के रूप में देहरादून जिले में चकराता से कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह एवं विकासनगर से भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान जिला पंचायत सदस्य के पदों पर चुनाव जीत गए। मधु चौहान निवर्तमान देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।