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    उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को मिले नए कुलपति, पढ़ें कौन हैं प्रोफेसर नवीन चन्द्र लोहनी?

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 02:25 PM (IST)

    उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को नया कुलपति मिल गया है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रोफेसर नवीन चन्द्र लोहनी को कुलपति नियुक्त किया है। प्रो. लोहनी वर्तमान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। उन्हें तीन वर्ष की अवधि के लिए यूओयू हल्द्वानी का कुलपति नियुक्त किया गया है। शिक्षा जगत में प्रो. लोहनी को शैक्षिक प्रशासक के रूप में जाना जाता है।

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    उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को नया कुलपति मिल गया है। File

    राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को नया कुलपति मिल गया है। विश्वविद्यालय परिनियमावली-2009 के तहत गठित अन्वेषण समिति द्वारा प्रस्तुत पैनल में से चयन करते हुए कुलाधिपति राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेनि. उत्तराखंड ने प्रोफेसर नवीन चन्द्र लोहनी को कुलपति नियुक्त किया है।

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    प्रो. लोहनी वर्तमान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ (उत्तर प्रदेश) के हिन्दी विभाग में वरिष्ठ प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें निहित प्रावधानों के तहत कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि अथवा अग्रेत्तर आदेश तक, जो भी पहले हो, के लिए यूओयू हल्द्वानी का कुलपति नियुक्त किया गया है।

    शिक्षा जगत में प्रो. लोहनी को शैक्षिक प्रशासक के रूप में जाना जाता है। उनकी नियुक्ति से विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

    कौरवी लोक साहित्य, व व्यंग संग्रह पुस्तकों का कर चुके हैं लेखन

    उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के नवनियुक्त कुलपति प्रो नवीन चंद्र लोहनी ने देश-विदेश में हिंदी भाषा के उत्थान और प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नई सदी के उपन्यास, पांच लाख का हिंदी मास्टर, खड़ी बोली की साहित्यिक विधाएं और व्यंग संग्रह जैसी उनेह 12 पुस्तकें और 85 शोध आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गांव पचार के रहने वाले प्रो.लोहनी राज्य के युवाओं को दूरस्थ शिक्षा से जोड़ने के लिए अपना लंबे शिक्षण अनुभव का उपयोग करेंगे।

    प्रो. लोहनी साढ़े तीन दशक से अधिक लंबे अनुभव में स्विटजरलैंड के लौजान विश्वविद्यालय में रबींद्रनाथ टैगोर चेयर और चीन के शंघाई अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विवि के आइसीसीआर चेयर में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे। चीन में वह विदेश मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की प्रतिनियुक्ति पर गए थे। 19 फरवरी, 1990 को एनआरईसी कालेज खुर्जा से शिक्षण सेवा शुरू करने वाले प्रो लोहनी 14 मई, 2002 से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े हैं।

    चौधरी चरण सिंह विवि में कार्यरत रहने के साथ ही प्रो. लोहनी राजकीय महाविद्यालय जेवर के प्रोफेसर इंचार्ज, उत्तराखंड भाषा संस्थान के सदस्य के साथ ही साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के संयोजक भी रहे।उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद आलोचना सम्मान व उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान ने शब्द शिल्पी सम्मान से अलंकृत किया गया है।

    हिंदी की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति व शैक्षणिक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्रवासी साहित्य पाठ्यक्रम के रूप में वर्ष 2009-10 से प्रारंभ किया। स्थानीय भाषा व साहित्य को महत्व देने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से वृहद शोध परियोजनाओं को पूरा किया।